Republic Day / उपद्रवी किसानों ने पाक को दिया मौका, पड़ोसी मुल्क से बांटने वाली बातें

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर उपद्रव करने वाले किसानों ने भारत विरोधी ताकतों को जहर उगलने का मौका दे दिया है। हर समय भारत के खिलाफ साजिशों के लिए ताक में बैठे रहने वाले पाकिस्तानियों ने भी इसे तुरंत लपक लिया। धार्मिक सद्भाव बिगाड़कर देश को कमजोर करने का मंसूबा रखने वाले पड़ोसी मुल्क में तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

Vikrant Shekhawat : Jan 26, 2021, 07:35 PM
Republic Day: दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर उपद्रव करने वाले किसानों ने भारत विरोधी ताकतों को जहर उगलने का मौका दे दिया है। हर समय भारत के खिलाफ साजिशों के लिए ताक में बैठे रहने वाले पाकिस्तानियों ने भी इसे तुरंत लपक लिया। धार्मिक सद्भाव बिगाड़कर देश को कमजोर करने का मंसूबा रखने वाले पड़ोसी मुल्क में तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भी कहा था कि पाकिस्तान से संचालित 300 से अधिक ट्विटर हैंडल ट्रैक्टर रैली में गड़बड़ी पैदा करने की फिराक में हैं।

पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ की पार्टी एपीएमएल के ट्विटर हैंडल पर इस तरह के कई ट्वीट किए गए हैं, जिनमें लाल किले पर फहराए गए निशान साहिब को लेकर तंज कसते हुए कहा गया है कि गणतंत्र दिवस पर भारतीय ध्वज को हटाने का कार्यक्रम हुआ। कितना ऐतिहासिक दिन है। मुशर्रफ की पार्टी यहीं नहीं रुकी और इसे सिखों और मुस्लिमों का गठजोड़ बता डाला। एक ट्वीट में कहा गया, ''सिख प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्वक भारतीय झंडे को लाल किले से हटा दिया और सिखों के पवित्र झंडे निशान साहिब को फहरा दिया गया। सिख किसान और मुस्लिम मजबूत रहें।''

इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया में निसान साहिब को खालिस्तानी झंडा बताकर जश्नपूर्वक बताया जा रहा है कि दिल्ली में लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया गया। असल में पाकिस्तान किसानों के आंदोलन को शुरुआत से ही सिखों का आंदोलन बता रहा है और इसकी आड़ में खालिस्तानी साजिश को बढ़ावा देने की फिराक में है। मंगलवार को हुए उपद्रव को अब वह अलग रंग देने की कोशिश में जुट गया है।