देश / बेवजह पैदा किया गया डर, गेल व टाटा पावर को चेतावनी दी है: कथित ब्लैकआउट पर ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कथित कोयला संकट के बीच गेल और टाटा पावर को 'गैर-ज़िम्मेदार व्यवहार' के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि कंपनियों द्वारा ब्लैकआउट के बारे में गलत सूचना देने से ग्राहकों में अनावश्यक डर पैदा हुआ। उन्होंने कहा, "न कोई संकट था...ना है...मैंने ग्राहकों को आधारहीन एसएमएस भेजने पर टाटा पावर...को कार्रवाई की चेतावनी दी है।"

Vikrant Shekhawat : Oct 10, 2021, 03:58 PM
नई दिल्ली: कोयला संकट के कारण राजधानी दिल्ली में बिजली गुल होने की संभावनाओं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने पूरी तरह गलत बताया है। सिंह ने रविवार को कहा कि दिल्ली में ना अभी बिजली का कोई संकट है और ना आने वाले दिनों होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास कोयले का भरपूर स्टॉक है, कोयला संकट को बेवजह प्रचारित किया गया है। बिजली को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। कोयले के स्टॉक पर हमारी नजर है।

आरके सिंह दिल्ली में डिस्कॉम के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि हमने आज सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।

सिंह ने कहा कि मैंने गेल के सीएमडी से देशभर के बिजली संयंत्रों को आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि आपूर्ति जारी रहेगी। न पहले गैस की कमी थी, न भविष्य में होगी। वास्तव में कहीं कोई संकट नहीं है। यह अनावश्यक रूप से बनाया गया था। मैंने टाटा पावर के सीईओ को कार्रवाई की चेतावनी दी है यदि वे ग्राहकों को आधारहीन एसएमएस भेजते हैं जो दहशत पैदा कर सकते हैं। गेल और टाटा पावर के संदेश गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के योग्य हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास हर दिन नया स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आ गया। हालांकि, पहले की ​तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है, लेकिन 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है, हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं। मैं केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी के संपर्क में हूं। 

गेल के मैसेज से फैला पैनिक

सिंह ने बताया कि बिना आधार के ये पैनिक इसलिए हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली के डिस्कॉम को एक मैसेज भेज दिया कि वो बवाना के गैस स्टेशन को गैस देने की कार्रवाई एक या दो दिन बाद बंद करेगा। वो मैसेज इसलिए भेजा क्योंकि उसका कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो रहा है। बैठक में गेल के भी सीएमडी आए हुए थे, हमने उन्हें कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो या नहीं, गैस स्टेशन को जितनी गैस की जरूरत है उतनी गैस आप देंगे।

बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह कहा कि दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी के पास विचार खत्म हो गए हैं। उनके पास वोट खत्म हो रहे हैं और इसलिए उनके पास विचार भी खत्म हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, बिजली संयंत्रों में कोयले की कथित कमी को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारी रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह के आवास पर बैठक करने पहुंचे थे। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को आगाह किया था कि अगर राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को तत्काल कोयला नहीं मिला तो दो दिनों के बाद राजधानी में पूर्ण रूप से ब्लैकआउट हो सकता है।

दिल्ली में बिजली संकट के समाधान के लिए जैन ने कहा था कि 'आप' सरकार अभी महंगी बिजली खरीदने को भी तैयार है। इससे पहले कल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी चेतावनी दी थी कि आने वाले दिनों में राजधानी को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।

केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा था, ''दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर पैनी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, मैंने माननीय प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है।''

उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।