Zee News : Jun 04, 2020, 12:59 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ वर्चुअल मीटिंग की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। भारत और आस्ट्रेलिया द्वारा चीन से जुड़े मुद्दों पर जी-7 देशों की विस्तारित बैठक में भाग लेने के अमेरिका के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद, गुरुवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और दोनों देशों के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया
पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले मैं अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में COVID-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहूंगा। इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है और हमारे समिट का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है। हमारी आज की मुलाकात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती। एक मित्र के नाते, मेरा आपसे आग्रह है कि स्थिति सुधरने के बाद आप शीघ्र सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें और हमारा आतिथ्य स्वीकार करें। इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और खास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूं।पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह बेहतर समय है, बेहतर मौका है। अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक ‘factor of stability’ बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।'पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि Indo-Pacific क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है। लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं इस गति से, इस विस्तार से संतुष्ट हूं। जब आप जैसा लीडर हमारे मित्र देश का नेतृत्व कर रहा हो, तो हमारे संबंधों में विकास की गति का मापदंड भी महत्वाकांक्षी होना चाहिएपीएम मोदी ने कहा, 'वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी Comprehensive Strategic Partnership की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक सहयोगपूर्ण रवैये की आवश्यकता है। हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय किया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।' बता दें कि PM मॉरिसन को जनवरी और फिर मई में भारत आना था। जनवरी में वह आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण नहीं आ सके और मई में कोरोना महामारी के कारण उनका दौरा नहीं हो सका। इसके मद्देनजर दोनों नेताओं ने वर्चुअल बैठक का फैसला किया।
पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले मैं अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में COVID-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहूंगा। इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है और हमारे समिट का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है। हमारी आज की मुलाकात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती। एक मित्र के नाते, मेरा आपसे आग्रह है कि स्थिति सुधरने के बाद आप शीघ्र सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें और हमारा आतिथ्य स्वीकार करें। इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और खास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूं।पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह बेहतर समय है, बेहतर मौका है। अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक ‘factor of stability’ बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।'पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि Indo-Pacific क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है। लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं इस गति से, इस विस्तार से संतुष्ट हूं। जब आप जैसा लीडर हमारे मित्र देश का नेतृत्व कर रहा हो, तो हमारे संबंधों में विकास की गति का मापदंड भी महत्वाकांक्षी होना चाहिएपीएम मोदी ने कहा, 'वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी Comprehensive Strategic Partnership की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक सहयोगपूर्ण रवैये की आवश्यकता है। हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय किया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।' बता दें कि PM मॉरिसन को जनवरी और फिर मई में भारत आना था। जनवरी में वह आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण नहीं आ सके और मई में कोरोना महामारी के कारण उनका दौरा नहीं हो सका। इसके मद्देनजर दोनों नेताओं ने वर्चुअल बैठक का फैसला किया।