Vikrant Shekhawat : Jan 23, 2022, 09:41 AM
नेताजी के नाम से मशहूर सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) की आज 125वीं जयंती है. केंद्र सरकार ने बोस की जयंती को शामिल करने के लिए 23 जनवरी से गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Celebration) शुरू करने का फैसला किया है, जिसे इस साल से शुरू होने वाले पराक्रम दिवस (वीरता का दिन) के रूप में मनाया जाएगा. बोस की जयंती पर संसद भवन (Parliament House) के सेंट्रल हॉल में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी. पुष्पांजलि अर्पित करने का यह समारोह 23 जनवरी को सुबह साढ़े 10 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान करते हुए कहा कि दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता जी की प्रतिमा वाली तस्वीर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी. मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा.सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उस छतरी में लगेगी जहां पहले जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी. जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को 1968 में हटा दिया गया था, तब से यह छतरी खाली पड़ी है. होलोग्राफिक एक तरह की डिजिटल तकनीक है. यह एक प्रोजेक्टर की तरह काम करता है, जिसमें किसी भी चीज को 3D आकार दिया जा सकता है. इस तकनीक से ऐसा महसूस होता है, जैसे सामने दिखाई दे रही चीज असली है, लेकिन वह सिर्फ एक 3D डिजिटल इमेज होती है.नेताजी महान स्वतंत्रता सेनानी में से एकखून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है. 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष अपने देश के लिए हर हाल में आजादी चाहते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया और अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. नेताजी हर कीमत पर मां भारती को आजादी की बेड़ियों से मुक्त कराने को आतुर देश के उग्र विचारधारा वाले युवा वर्ग का चेहरा माने जाते थे. वो कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.