देश / प्रथम दृष्टया, ये खबरें फर्ज़ी प्रतीत होती हैं: कोविन हैक होने के दावों पर सरकार

कोविन प्लैटफॉर्म हैक होने की खबरों पर सरकार ने कहा है, "प्रथम दृष्टया, ये खबरें फर्ज़ी प्रतीत होती हैं। हालांकि, मामले की जांच करा रहे हैं।" टीकाकरण पर अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष आर.एस. शर्मा ने कहा, "कोविन का डेटा सुरक्षित डिजिटल परिवेश में स्टोर किया जाता है। कोविन परिवेश के बाहर डेटा किसी के साथ साझा नहीं किया जाता।"

Vikrant Shekhawat : Jun 11, 2021, 02:02 PM
नई दिल्लीः केंद्र ने कोविन हैक किए जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों को गुरुवार को खारिज कर दिया और कहा कि ये खबरें फर्जी प्रतीत होती हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पोर्टल सुरक्षित डिजिटल वातावरण में सभी टीकाकरण डेटा संग्रहीत करता है.

कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम कर रही जांच

बयान में कहा गया है कि मंत्रालय और टीकाकरण पर अधिकार प्राप्त समूह (ईजीवीएसी) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस’ टीम से मामले की जांच करवा रहे हैं. समूह (कोविन) के प्रमुख डॉ आर एस शर्मा ने स्पष्ट किया है कि कोविन को कथित रूप से हैक किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर साझा की जा रही खबरों पर सरकार का ध्यान गया है और जिस डेटा लीक होने का दावा किया जा रहा है, वह कोविन पर संग्रहीत ही नहीं था.

दी गई 24 करोड़ से ज्यादा खुराक

बता दें कि अभी तक कुल 24 करोड़ 27 लाख 26 हजार 693 कोरोना वैक्सीन की डोज दी चुकी है. इसमें 19 करोड़ 54 लाख 82 हजार 945 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. वहीं 4 करोड़ 72 लाख 43 हजार 748 लोगों को दूसरी कोरोना खुराक मिल गई है. बीते 24 घंटे के दौरान 33 लाख 79 हजार 261 कोरोना खुराक दी गई हैं.