Vikrant Shekhawat : Jun 21, 2020, 06:39 PM
सिरोही | इस साल में राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ विधायक चुने गए सिरोही के संयम लोढ़ा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए हैं। हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में सतीश पूनिया के एक बयान को विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए लोढ़ा ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को सम्बोधित करते हुए यह प्रस्ताव विधानसभा सचिव के निवास पर उन्हें सौंपा है। बता दें कि लोढ़ा सिरोही से इस बार निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
विषेषाधिकार हनन प्रस्ताव में लोढ़ा ने 21 जून के अंक में प्रकाषित समाचार राज्य सभा चुनाव के दौरान बाडेबंदी में 23 विधायकों को खान, रीको में प्लॉट व कैश ट्रांजेक्शन हुए शीर्षक वाले समाचार की कटिंग संलग्न की है। इस समाचार में पूनिया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायकों के दस दिन की बाड़ेबंदी के दौरान डील हुई है। किन—किन विधायकों से क्या डील हुई है उसके भी प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री ने 23 विधायकों को आईडेंटीफाई किया इन्हीं 23 विधायकों को खान व रीकों के प्लॉट आवंटित हुए। कुछ से कैश ट्रांजेक्शन हुए हैं। यह भी पता लग जाएगा।
इस पर आपत्ति जताते हुए विधायक संयम लोढ़ा ने राज्य विधानसभा प्रक्रिया कार्य संचालन के नियम 158 के तहत दिए अपने नोटिस में कहा है कि विधायक के रूप में विधानसभा की सार्वभौमिकता व प्रतिष्ठा बनाये रखना उनका कर्तव्य है। राज्य विधानसभा के 23 सदस्यों के खिलाफ बिना नाम जाहिर किये झूठे आरोप लगाए गए हैं। इससे राज्य विधानसभा की प्रतिष्ठा को कलंकित करने का प्रयास हुआ है। लोढ़ा ने कहा कि मैं ऐसा समझता हूं कि पूनिया के आचरण से राज्य विधानसभा की छवि तार-तार हुई है। बिना किसी प्रमाण के सदस्यों के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना है पूरी तरह गलत है। अतः पूनिया ने अपने इस आचरण से राज्य विधानसभा व उनके सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन किया है। अपने नोटिस में राज्य विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 157, 158, 159 का उल्लेख किया हैं इसके साथ संसदीय इतिहास में विषेषाधिकार के संबंध में हुवे मामलों का विवरण एवं उनके निर्णय की प्रति भी उन्होंने संलग्न की है।
विषेषाधिकार हनन प्रस्ताव में लोढ़ा ने 21 जून के अंक में प्रकाषित समाचार राज्य सभा चुनाव के दौरान बाडेबंदी में 23 विधायकों को खान, रीको में प्लॉट व कैश ट्रांजेक्शन हुए शीर्षक वाले समाचार की कटिंग संलग्न की है। इस समाचार में पूनिया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायकों के दस दिन की बाड़ेबंदी के दौरान डील हुई है। किन—किन विधायकों से क्या डील हुई है उसके भी प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री ने 23 विधायकों को आईडेंटीफाई किया इन्हीं 23 विधायकों को खान व रीकों के प्लॉट आवंटित हुए। कुछ से कैश ट्रांजेक्शन हुए हैं। यह भी पता लग जाएगा।
इस पर आपत्ति जताते हुए विधायक संयम लोढ़ा ने राज्य विधानसभा प्रक्रिया कार्य संचालन के नियम 158 के तहत दिए अपने नोटिस में कहा है कि विधायक के रूप में विधानसभा की सार्वभौमिकता व प्रतिष्ठा बनाये रखना उनका कर्तव्य है। राज्य विधानसभा के 23 सदस्यों के खिलाफ बिना नाम जाहिर किये झूठे आरोप लगाए गए हैं। इससे राज्य विधानसभा की प्रतिष्ठा को कलंकित करने का प्रयास हुआ है। लोढ़ा ने कहा कि मैं ऐसा समझता हूं कि पूनिया के आचरण से राज्य विधानसभा की छवि तार-तार हुई है। बिना किसी प्रमाण के सदस्यों के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना है पूरी तरह गलत है। अतः पूनिया ने अपने इस आचरण से राज्य विधानसभा व उनके सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन किया है। अपने नोटिस में राज्य विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 157, 158, 159 का उल्लेख किया हैं इसके साथ संसदीय इतिहास में विषेषाधिकार के संबंध में हुवे मामलों का विवरण एवं उनके निर्णय की प्रति भी उन्होंने संलग्न की है।