Rahul Gandhi / मिस इंडिया लिस्ट में दलित-आदिवासी नहीं- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने प्रयागराज में जाति जनगणना पर जोर दिया और पीएम मोदी की सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि मिस इंडिया की सूची में दलित और आदिवासी महिलाओं का न होना, समाज में वास्तविक प्रतिनिधित्व की कमी को दर्शाता है। गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता को रेखांकित किया।

Vikrant Shekhawat : Aug 25, 2024, 09:16 AM
Rahul Gandhi : रायबरेली से सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना की जरूरत को लेकर एक बार फिर से आह्वान किया है। शनिवार को प्रयागराज में आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन में राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर तीखा हमला किया।

राहुल गांधी ने सम्मेलन में कहा कि देश की 90% आबादी – जिसमें दलित, आदिवासी, OBC, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के लोग शामिल हैं – उनके अवसरों की कमी के कारण देश की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह स्थिति ऐसी है जैसे 10 सिलेंडर वाले इंजन को सिर्फ 1 सिलेंडर से चलाना, जबकि बाकी 9 का इस्तेमाल नहीं हो रहा हो।

नेता प्रतिपक्ष ने मिस इंडिया की सूची का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोई दलित या आदिवासी महिला नहीं है, जिससे समाज के विविध वर्गों के प्रतिनिधित्व की कमी को उजागर किया। उन्होंने कहा, "मिस इंडिया की लिस्ट में आदिवासी या दलित महिला का नाम नहीं है, जबकि क्रिकेट, बॉलीवुड की चर्चा होती है, लेकिन किसानों और मजदूरों की बात नहीं होती। मीडिया में कभी किसी मौची का इंटरव्यू देखा है?"

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार का दावा कि देश सुपर पावर बन गया है, तब तक निराधार है जब तक देश की 90% आबादी की स्थिति में सुधार नहीं होता। उन्होंने कहा, "90 प्रतिशत आबादी के बिना देश नहीं चल सकता।"

सोशल मीडिया पर जाति जनगणना के मुद्दे पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना नहीं करवाएंगे, तो अगला प्रधानमंत्री इसे जरूर करवाएगा। उन्होंने संविधान की ओर इशारा करते हुए कहा कि हर भारतीय को न्याय और समानता का अधिकार है, लेकिन देश की अधिकांश आबादी को न तो अवसर मिल रहे हैं और न ही तरक्की में भागीदारी। जातिगत जनगणना से समाज की सही तस्वीर सामने आएगी और यह पता चलेगा कि संसाधनों का वितरण कैसे हो रहा है और कौन से वर्ग प्रतिनिधित्व में पीछे छूट गए हैं।