देश / राजस्थान बना राज्य स्तर पर जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब शुरू करने वाला देश का पहला राज्य

राजस्थान जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब को राज्य स्तर पर शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है जो जयपुर स्थित एसएमएस मेडिकल कॉलेज में स्थापित की गई है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए यह लैब शुरू की गई है जिससे राज्य में सर्कुलेट हो रहे वैरिएंट्स की जानकारी मिल सकेगी।

Vikrant Shekhawat : Jun 25, 2021, 04:18 PM
जयपुर: जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेन्सिंग (अनुवांशिकी अनुक्रमण) की सुविधा शुरू की गई है। इसके साथ ही राज्य स्तर पर पूर्ण जीनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कराने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है।

चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना की रोकथाम को दृष्टिगत राज्य में जीनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जीनोम सिक्वेन्सिंग की तकनीक से वायरस के नए प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब एक करोड़ रुपये व्यय कर जीनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा तैयार की गई है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जीनोम सिक्वेन्सिंग के लिए अब तक राज्य से नमूने केन्द्र सरकार की भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा राजस्थान के लिये निर्धारित दिल्ली स्थिति आईजीआईबी लैब में भिजवाये जा रहे थे। राज्य से प्रतिदिन 10 नमूने के आधार पर महीने में 300 नमूने भिजवाये जा रहे थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही थी।

उन्होंने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में स्थापित मशीन पर नमूनों की जांच का कार्य 15 जून से शुरू कर दिया गया है। इस मशीन की क्षमता प्रतिदिन 20 नमूने की जांच करने की हैं व शीघ्र ही इसकी क्षमता को बढाकर प्रतिदिन 80 नमूनों की जाएगी। जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन में प्राप्त हो रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के करीब 100 नमूनों की जीनोम सिक्वेन्सिंग की गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार इनमें से लगभग 90 प्रतिशत नमूनों में वायरस का डेल्टा प्रकार मिला है जबकि शेष 10 प्रतिशत नमूनों में बी1.1 प्रकार से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।