Rajasthan Crisis Live / माफी मांगेंगे तभी 19 बागी विधायकों की होगी वापसी

राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने एक बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि 19 बागी विधायक अपनी गलती मानते हुए माफी मांगें, तो पार्टी में वापसी पर हम विचार करेंगे उन्होंने कहा 'सभी 19 विधायकों से अपील है, अगर गलती मानते हुए आलाकमान से माफी मांगते हैं, तो पार्टी विचार करेगी, उन्हें परिवार में सम्मान दिया जाएगा

Vikrant Shekhawat : Jul 27, 2020, 09:05 PM

राजस्थान (Rajasthan) में जारी सियासी संकट (Political Crisis) के बीच कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे (Avinash Pandey) ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 19 बागी विधायक अपनी गलती मानते हुए माफी मांगें, तो पार्टी में वापसी पर हम विचार करेंगे. उन्होंने कहा 'सभी 19 विधायकों से अपील है, अगर गलती मानते हुए आलाकमान से माफी मांगते हैं, तो पार्टी विचार करेगी, उन्हें परिवार में सम्मान दिया जाएगा.' हालांकि एक हफ्ते पहले भी उन्होंने इस तरह का बयान दिया था. हफ्ते भर पहले उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) अपनी ‘गलतियों’ के लिए माफी मांग लें तो बात बन सकती है, लेकिन हर चीज की समयसीमा होती है.


पिछले हफ्ते भी गुंजाइश की बात कही थी


पिछले हफ्ते उन्होंने सचिन पायलट को लेकर अपना आरोप दोहराया था. उन्होंने कहा था कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में पायलट शामिल थे. तब यह पूछे जाने पर कि क्या अब भी पायलट के लिए कांग्रेस में कोई गुंजाइश है तो उन्होंने कहा, "गुंजाइश क्यों नहीं होती? गुंजाइश ही गुंजाइश है." फिर यह सवाल करने पर कि क्या अब भी पायलट के लिए दरवाजे खुले हुए हैं तो कांग्रेस महासचिव ने कहा, दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं, खुले हैं. अगर पायलट ‘सरकार गिराने की साजिश’ के लिए अपनी गलती स्वीकार कर लें और माफी मांग लें तो बात बन सकती है. वैसे, अविनाश पांडे शुरू से दावा करते आ रहे हैं कि राजस्थान में सरकार गिराने की हर कोशिश नाकाम कर दी जाएगी. प्रभारी महासचिव पर कई नेताओं की उम्मीद भरी नजर है.


राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में लाने का श्रेय अविनाश पांडे के हिस्से जाता रहा है. कांग्रेस खेमे में उन्हें एक बेहतर रणनीतिकार माना जाता है. इसके अलावा उनकी एक बड़ी खासियत यह है कि वे पार्टी के अलग-अलग गुटों को साथ लेकर चलने में भी माहिर हैं. यह एक बड़ी वजह है कि अक्सर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कैंप के बीच वह एक मध्यस्थ की भूमिका में नजर आते हैं. सत्ता में आने के बाद पिछले 1 साल से अधिक समय में उन्होंने अपनी भूमिका का निर्वहन बेहद शानदार ढंग से किया है