
- भारत,
- 13-Jun-2022 08:18 PM IST
राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है। अब माली, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज ने अलग से 12% आरक्षण देने की मांग की है। समाज के सैकड़ों लोगों ने हाथों में लाठियां लेकर भरतपुर में नेशनल हाईवे-21 (आगरा-जयपुर) को जाम कर दिया। 24 घंटे से हाईवे जाम है। इधर, भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने सोमवार सुबह 11 बजे से 24 घंटे के लिए चार कस्बों में इंटरनेट बंद कर दिया।
सरकार ने मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त को आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है।
आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह कुशवाहा ने कहा- समाज के लोग संविधान के तहत आरक्षण की डिमांड कर रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद संख्या 16 (4) में व्यवस्था दी गई है। वे जातियां जो अति पिछड़ी हुईं हैं, उन्हें राज्य सरकार अपने स्तर पर आरक्षण दे सकती है। इसका केंद्र से कोई मतलब नहीं है। आज समाज में न तो कोई IAS अधिकारी है और न RAS है
कुशवाहा ने कहा- काची (माली) समाज अति पिछड़े में आता है। काची समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत है, इसलिए हम जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मांग रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन आज तक कोई विचार नहीं किया। जिसके बाद मजबूर होकर समाज के लोगों ने चक्का जाम किया है। अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि बात करने अरोदा नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा- हम प्रशासनिक स्तर पर बात नहीं करेंगे।
अफवाह को रोकने के लिए नेटबंदीभरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने बताया कि माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज की ओर से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। इसे लेकर नेशनल हाईवे-21 जाम कर दिया गया है। जयपुर-आगरा यातायात बाधित हो गया है। शांति और कानून व्यवस्था को बिगड़ने की संभावना को देखते हुए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की सेवाओं पर रोक लगाई गई है।
हालात देखते हुए सोशल मीडिया के जरिए जिले की कानून व्यवस्था को खराब किया जा सकता है। नदबई, वैर भुसावर और उच्चैन तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है। यह इंटरनेट 13 जून सुबह 11 बजे से 14 जून सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा।
मंत्री सिंह बोले- हाईवे खाली कर वार्ता के लिए आ जाएंकैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को सरकार ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार शाम इसकी जानकारी दी।
सिंह ने कहा- हम बात करने के लिए तैयार हैं। सवाल ये है कि आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों का लीडर कौन है? हम किससे बात करें। 24 घंटे से इन लोगों ने हाईवे को जाम कर रखा है। लोगों को असुविधा हो रही है। किसी को कुछ हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा? ये लोग सबसे पहले हाईवे खाली करें, फिर वार्ता के लिए आ जाएं। अब गेंद उनके पाले में है।
सरकार ने मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त को आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है।
आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह कुशवाहा ने कहा- समाज के लोग संविधान के तहत आरक्षण की डिमांड कर रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद संख्या 16 (4) में व्यवस्था दी गई है। वे जातियां जो अति पिछड़ी हुईं हैं, उन्हें राज्य सरकार अपने स्तर पर आरक्षण दे सकती है। इसका केंद्र से कोई मतलब नहीं है। आज समाज में न तो कोई IAS अधिकारी है और न RAS है
कुशवाहा ने कहा- काची (माली) समाज अति पिछड़े में आता है। काची समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत है, इसलिए हम जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मांग रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन आज तक कोई विचार नहीं किया। जिसके बाद मजबूर होकर समाज के लोगों ने चक्का जाम किया है। अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि बात करने अरोदा नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा- हम प्रशासनिक स्तर पर बात नहीं करेंगे।
अफवाह को रोकने के लिए नेटबंदीभरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने बताया कि माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज की ओर से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। इसे लेकर नेशनल हाईवे-21 जाम कर दिया गया है। जयपुर-आगरा यातायात बाधित हो गया है। शांति और कानून व्यवस्था को बिगड़ने की संभावना को देखते हुए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की सेवाओं पर रोक लगाई गई है।
हालात देखते हुए सोशल मीडिया के जरिए जिले की कानून व्यवस्था को खराब किया जा सकता है। नदबई, वैर भुसावर और उच्चैन तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है। यह इंटरनेट 13 जून सुबह 11 बजे से 14 जून सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा।
मंत्री सिंह बोले- हाईवे खाली कर वार्ता के लिए आ जाएंकैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को सरकार ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार शाम इसकी जानकारी दी।
सिंह ने कहा- हम बात करने के लिए तैयार हैं। सवाल ये है कि आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों का लीडर कौन है? हम किससे बात करें। 24 घंटे से इन लोगों ने हाईवे को जाम कर रखा है। लोगों को असुविधा हो रही है। किसी को कुछ हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा? ये लोग सबसे पहले हाईवे खाली करें, फिर वार्ता के लिए आ जाएं। अब गेंद उनके पाले में है।