Vikrant Shekhawat : May 02, 2021, 06:43 AM
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के 'खेला' में किस खिलाड़ी के सिर सजेगा ताज? इसका फैसला आज हो जाएगा। हालांकि सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर होंगी, जहां सत्तारुढ़ टीएमसी को बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी है। इस लड़ाई में दांव पर ममता बनर्जी का सियासी इकबाल भी हैं, क्योंकि नंदीग्राम में ममता बनर्जी के सामने उनके पुराने सहयोगी रहे सुवेंदु अधिकारी की चुनौती है, ऐसे में चुनावी 'खेला' का ग्रैंड फिनाले नंदीग्राम का मुकाबला ही होगा। बंगाल में जहां बीजेपी सत्ताधारी पार्टी को चैलेंज कर रही है, वही असम में उसे अपनी सरकार बचानी है। असम में कांग्रेस की अगुवाई वाला महाजोत मुकाबले में है। इन दोनों राज्यों के अलावा तमिलनाडु में बीजेपी और अन्नाद्रमुक के सामने डीएमके की चुनौती है, तो बंगाल में ममता के खिलाफ हाथ मिलाने वाले कांग्रेस और लेफ्ट की टक्कर केरल में हो रही है। केरल में लेफ्ट के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के सामने कांग्रेस की चुनौती है, देखना ये है कि क्या विजयन अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल रहते हैं कि नहीं।
टीएमसी बनाम बीजेपीपश्चिम बंगाल विधानभा की 292 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और बीजेपी के बीच है। लेकिन, मुकाबले में कांग्रेस और लेफ्ट का गठनबंधन भी है। इसके अलावा अन्य छोटी-छोटी पार्टियां भी हैं। दिलचस्प ये है कि बंगाल में हर चरण में मतदान प्रतिशत 80 के करीब रहा है। देखना ये है कि ममता के खिलाफ बीजेपी का आक्रामक अभियान कितना रंग लाता है। राज्य के 23 जिलों में फैले मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 15 मतगणना केंद्र हैं, जबकि कलीपमोंग, अलीपुरद्वार और झारग्राम में एक-एक मतगणना केंद्र बनाए गए हैं।
बीजेपी के मुकाबले महाजोतअसम की 126 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में हुए चुनावों में कुल 82।04 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में बीजेपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है। सीएए और एनआरसी को लेकर मचे हंगामे के बाद असम विधानसभा चुनाव बीजेपी के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें, तो पार्टी की कोशिश सत्ता बनाए रखने की है। देखना ये होगा कि कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन असमिया चाय का स्वाद ले पाता है कि नहीं। असम में मतगणना के लिए 331 केंद्रों पर सुरक्षा के त्रिस्तरीय इतंजाम किए गए हैं। राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ था।
यूडीएफ बनाम एलडीएफकेरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के। सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई। श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है, लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।द्रविड़ राजनीति का किंग कौन?तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है। मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ। पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल। मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए। इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है।
एनआर कांग्रेस बनाम द्रमुक कांग्रेसकेंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन। रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है। केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती के लिए 1382 कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे।
EC ने की मतगणना की तैयारीपांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की कुल 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गणना रविवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी। आयोग ने कहा कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी। इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किये जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1,113, केरल में 633, असम में 331, तमिलनाडु में 256 और पुडुचेरी में 31 केन्द्र बनाए गए हैं।आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिये 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है। सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे। मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी
टीएमसी बनाम बीजेपीपश्चिम बंगाल विधानभा की 292 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और बीजेपी के बीच है। लेकिन, मुकाबले में कांग्रेस और लेफ्ट का गठनबंधन भी है। इसके अलावा अन्य छोटी-छोटी पार्टियां भी हैं। दिलचस्प ये है कि बंगाल में हर चरण में मतदान प्रतिशत 80 के करीब रहा है। देखना ये है कि ममता के खिलाफ बीजेपी का आक्रामक अभियान कितना रंग लाता है। राज्य के 23 जिलों में फैले मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 15 मतगणना केंद्र हैं, जबकि कलीपमोंग, अलीपुरद्वार और झारग्राम में एक-एक मतगणना केंद्र बनाए गए हैं।
बीजेपी के मुकाबले महाजोतअसम की 126 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में हुए चुनावों में कुल 82।04 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में बीजेपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है। सीएए और एनआरसी को लेकर मचे हंगामे के बाद असम विधानसभा चुनाव बीजेपी के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें, तो पार्टी की कोशिश सत्ता बनाए रखने की है। देखना ये होगा कि कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन असमिया चाय का स्वाद ले पाता है कि नहीं। असम में मतगणना के लिए 331 केंद्रों पर सुरक्षा के त्रिस्तरीय इतंजाम किए गए हैं। राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ था।
यूडीएफ बनाम एलडीएफकेरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के। सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई। श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है, लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।द्रविड़ राजनीति का किंग कौन?तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है। मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ। पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल। मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए। इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है।
एनआर कांग्रेस बनाम द्रमुक कांग्रेसकेंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन। रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है। केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती के लिए 1382 कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे।
EC ने की मतगणना की तैयारीपांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की कुल 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गणना रविवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी। आयोग ने कहा कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी। इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किये जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1,113, केरल में 633, असम में 331, तमिलनाडु में 256 और पुडुचेरी में 31 केन्द्र बनाए गए हैं।आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिये 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है। सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे। मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी