देश / भारत में रिवेंज ट्रैवल के कारण आ सकती है तीसरी लहर: आईसीएमआर विशेषज्ञ

आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने 'रिवेंज ट्रैवल' के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि धार्मिक या राजनीतिक आयोजनों के कारण भीड़ बढ़ने से कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका है। शोधकर्ताओं के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के आंकड़े बताते हैं कि छुट्टियों में वहां की आबादी 40% तक बढ़ सकती है जिससे तीसरी लहर की पीक में 47% वृद्धि हो सकती है।

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2021, 10:15 AM
Coronavirus Pandemic|Third Wave: यात्रा प्रतिबंधों में भारत में अगर ढील दी गयी, तो भारत में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इंपीरियल कॉलेज लंदन की रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही गयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना (Covid-19) की दूसरी लहर काफी गंभीर थी. जिन राज्यों में जनसंख्या कम थी, वहां कोरोना के मामले उतनी तेजी से नहीं बढ़े, जितनी तेजी से ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में. रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में शिमला समेत कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं. यहां देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. जब लॉकडाउन में ढील दी गयी, तो यहां भीड़ तेजी से बढ़ी. इसका असर यह हुआ कि कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ गये.

पीयर-रिव्यू जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में पिछले महीने एक स्टडी रिपोर्ट छपी थी, जिसमें कहा गया कि अगर भारत को कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) को रोकना है, तो घरेलू यात्रा को नियंत्रित रखना होगा. इस रिसर्च रिपोर्ट में रिवेंज ट्रैवल से जुड़े खतरों की पहचान करने की भी सलाह दी गयी है. रिसर्च करने वालों में ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव भी शामिल थे.

ICMR और इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स कहते हैं कि लंबे अरसे से लोग घरों में बंद रहे. जब यात्रा की छूट मिली, तो वे बाहर निकले. रिसर्चर्स ने इसे रिवेंज ट्रैवल (Revenge Travel) नाम दिया है. साथ ही कहा है कि इस रिवेंज ट्रैवल की वजह से कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और फरवरी-मार्च 2022 में यह अपने पीक पर जा सकता है.

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एक मैथमेटिकल (गणितीय) मॉडल बनाया. इसने पहली और दूसरी लहर का अध्ययन किया और यह पता करने की कोशिश की कि भारत के किसी काल्पनिक राज्य में क्या हो सकता है, जैसा हिमाचल प्रदेश में हुआ. खासकर पहली और दूसरी लहर के दौरान यहां क्या हाल रहा, कैसे लोगों की भीड़ बढ़ने के बाद यहां का माहौल बदल सकता है.

शोधकर्ताओं की टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत और दूसरी जगहों पर धीरे-धीरे सभी चीजें सामान्य हो गयीं. छुट्टियां बिताने वाली जगहों की घरेलू यात्रा न केवल विजिटर्स के लिए, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद होती हैं. मार्च 2020 के बाद से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से दबाव में है.

...तो नहीं होगी ज्यादा परेशानी

शोधकर्ता कहते हैं कि राज्य स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों में ढील अपने आप में तीसरी लहर को जन्म दे सकती है. हालांकि, सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों से पर्यटकों या सामूहिक सभाओं के कारण जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि से तीसरी लहर और गंभीर खतरा बन सकती है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पर्यटन के लिए आने वाले लोगों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों और अधिकारियों में जिम्मेदारी की साझा भावना विकसित हो जाये, तो देश को ज्यादा परेशानी से नहीं गुजरना होगा.

शोधकर्ताओं ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि सामान्य छुट्टियों के मौसम में, पर्यटन राज्य में जनसंख्या 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. इन परिस्थितियों में, छुट्टियों के मौसम में थर्ड-वेव या तीसरी लहर 47 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.