राजस्थान / पायलट BJP खेमे में आए नहीं...उससे पहले शुरू हो गया 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री'

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच चर्चा है कि सचिन पायलट सहित कुछ असंतुष्ट कांग्रेस विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, इन्हीं चर्चाओं के बीच बीजेपी में एक नई चर्चा शुरू हो गई है और वो है अगर असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों की मदद से बीजेपी की सरकार बन भी गई तो अगला सीएम कौन होगा. ये चर्चा होना लाजमी भी है, क्योंकि बीजेपी में दिग्गज नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो खुद या उनके समर्थक उन्हें अगले मुख्यमंत्री के .

Vikrant Shekhawat : Jul 13, 2020, 08:59 PM

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच चर्चा है कि सचिन पायलट सहित कुछ असंतुष्ट कांग्रेस विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन ये फिलहाल सियासी चर्चा है. इन्हीं चर्चाओं के बीच बीजेपी में एक नई चर्चा शुरू हो गई है और वो है अगर असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों की मदद से बीजेपी की सरकार बन भी गई तो अगला सीएम कौन होगा. ये चर्चा होना लाजमी भी है, क्योंकि बीजेपी में दिग्गज नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो खुद या उनके समर्थक उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं


दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बदलने की चाहत तो बीजेपी की है, लेकिन उसके लिए बीजेपी को क्या कीमत चुकानी होगी, इस पर मंथन होना अभी बाकी है. अगर सचिन पायलट या नाराज कांग्रेसी विधायक बीजेपी के खेमे में आते भी हैं और बीजेपी की सरकार बनती है, तो बड़ा सवाल यह है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.

बीजेपी की बात की जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया यह सभी विधायक मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी माने जा रहे हैं. लेकिन वसुंधरा राजे और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अलग-अलग खेमों में नजर आते हैं, वहीं कटारिया न्यूट्रल हैं

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक शांत हैं, लेकिन इस पर उनकी राय काफी महत्वपूर्ण रहेगी क्यूोंकि वसुंधरा राजे का सियासी कद राजस्थान में काफी बड़ा है. साथ ही पार्टी के कई विधायक भी उनके समर्थक हैं. हालांकि, ये भी तय है कि भविष्य में कांग्रेस के नाराज विधायकों की मदद से बीजेपी सत्ता में आती है तो किसे क्या मिलेगा ये पहले ही तय होने के बाद कांग्रेस विधायकों की बीजेपी में एंट्री होगी.

आलाकमान के निर्देशों की करेंगे पालना : पूनिया, राठौड़

पूनिया और राठौड़ पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी आलाकमान जो भी निर्देश देगा उसकी पालना प्रदेश भाजपा करेगी. चाहे वह भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री का फैसला हुआ या मंत्रियों का फैसला. पार्टी और पार्टी से जुड़े विधायक उन निर्देशों पर अमल करेंगे. मतलब साफ है कि प्रदेश भाजपा का पहला मकसद अपनी सरकार बनाना नहीं, बल्कि मौजूदा सरकार को गिरते हुए देखना है और उसके बाद जो भी स्थितियां बनेंगी उसके अनुरूप भाजपा अपना अगला कदम उठाएगी