Vikrant Shekhawat : Sep 16, 2024, 01:00 PM
CM Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आकर एक अप्रत्याशित कदम उठाया है। केजरीवाल ने जेल से बाहर आते ही इस्तीफे की घोषणा कर दी, जिससे दिल्ली की राजनीतिक धरती पर नया भूचाल आया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने केजरीवाल की तुलना भगवान श्रीराम से की।सौरभ भारद्वाज का बयान: केजरीवाल और श्रीराम का समकक्षसौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में हाल ही में जो घटनाएँ घटित हुई हैं, उनकी चर्चा केवल देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हो रही है। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और उनकी ईमानदारी के प्रति दिल्लीवासियों की अपेक्षाएँ ऐतिहासिक महत्व की हैं। भारद्वाज ने कहा, "ऐसे समय में जब केंद्र सरकार ने तमाम एजेंसियों को हमारे खिलाफ लगा रखा था, एक मुख्यमंत्री का इस्तीफा देना और जनता से अपनी ईमानदारी पर वोट मांगना, यह अद्वितीय है।"सौरभ ने आगे कहा कि यह सतयुग के बाद का पहला उदाहरण है, जब किसी नेता ने श्रीराम की तरह 'वनवास' का अनुभव किया है। उन्होंने बताया कि केजरीवाल भगवान नहीं हैं, लेकिन उनके फैसले और त्याग की तुलना सतयुग की घटनाओं से की जा सकती हैदिल्लीवासियों की उत्सुकता और बीजेपी पर नाराजगीसौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियाँ, जैसे कि ईडी, सीबीआई, और आयकर विभाग, मुख्यमंत्री के खिलाफ बदनामी की कोशिश में लगी थीं। इसके बावजूद, केजरीवाल ने अपनी ईमानदारी और जनता के समर्थन पर विश्वास रखा है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों में चुनाव के प्रति भारी उत्सुकता है और वे चाहते हैं कि शीघ्र ही चुनाव हों ताकि अरविंद केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री बन सकें।आगामी प्रक्रिया और बैठक की जानकारीसौरभ ने जानकारी दी कि आज शाम को AAP के पार्टी एडवाइजरी कमेटी (PAC) की बैठक होगी। इसमें पार्टी के नए नेता का चयन किया जाएगा, जो उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।सौरभ भारद्वाज के बयान और केजरीवाल के इस्तीफे ने दिल्ली की राजनीतिक परिदृश्य को एक नई दिशा दी है। अब यह देखना होगा कि इस उथल-पुथल के बीच, AAP कैसे अपने नए नेतृत्व के साथ दिल्ली की राजनीति में अपना स्थान बनाए रखता है।