Zee News : Jun 18, 2020, 09:59 AM
नई दिल्ली: आपके जिंदगी में मनोरंजन का हिस्सा बन चुके हैं ये। लेकिन जाने अनजाने इन्हीं ऐप्स (Apps) से भारत की आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) को खतरा है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इन मनोरंजन और टाईम पास करने वाले चीनी ऐप्स TikTok, Helo, UC Browser और Zoom को देश के लिए खतरनाक कहा है।
भारतीयों के डेटा करते हैं चीनी सरकार से साझाभारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन के ऐसे 50 से ज्यादा ऐप्स की निशानदेही की है जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इन Apps के जरिये देश और सुरक्षा से संबंधित अहम डेटा भारत के बाहर भेजा जा रहा है। जिन मोबाइल Apps को देश की सुरक्षा के लिये खतरा माना गया है उनमें Tik-Tok, Helo, UC Browser और Zoom शामिल हैं। इसके अलावा महिलाओं के लिए शॉपिंग ऐप Shien और Xiaomi को भी सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक कहा गया है।
आसान शब्दों में समझिए जासूसी का तरीकामामले से जुड़े एक जानकार का कहना है कि TikTok, Helo, UC Browser और Zoom को आप मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये सभी ऐप्स आपके फोन के लोकेशन और आपके द्वारा इस्तेमाल होने वाले सभी ऐप्स और अहम जानकारियां चुपके से अपने पास स्टोर करते हैं। ऐसे में जितने भी भारतीय ये ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, इनकी हर एक बात ये कंपनियां अपने पास रखती हैं। जानकार बताते हैं कि चीन की हर कंपनी को अपना डेटा चीनी सरकार के साथ साझा करना अनिवार्य है। चीनी खुफिया एजेंसियां और चीनी सेना इन्हीं डेटा को लेकर देश पर हमला करने की रणनीति तैयार कर सकती हैं। कई मामलों में ऐसा हो भी रहा होगा लेकिन चीनी सरकार इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं करती है।
पॉपुलर ऐप्स जिन्हें खुफिया एजेंसियों ने माना खतराटिक-टॉक (Tik – Tok) हेलो (Helo)यूसी ब्राउजर (UC Browser)यूसी न्यूज (UC News)शेयर इट (Sharit)लाइकी (Likee)360 सिक्योरिटी (360 Security)न्यूज डॉग (NewsDog)शिन (SHEIN) विगो वीडियो (Vigo Video)वी चैट (WeChat)वीबो (Weibo)वीबो लाइव (Vibo live)क्लब फैक्टरी (Club Factory)आपके हर वीडियो और पोस्ट का रखा जाता है आंकड़ाएक अन्य अधिकारी ने बताया कि देश में Tik-Tok, Helo, UC Browser और Zoom ऐप्स को इस्तेमाल करने वाला हर एक व्यक्ति चीनी सरकार की राडार में है। ऐसे में जाने- अनजाने आप जितने भी वीडियो, पोस्ट और बातचीत करते हैं, ये सभी जानकारियां चीनी सर्वर में स्टोर होता है। इन ऐप्स को चलाने वाली कंपनियां डेटा के साथ छेड़छाड़ की बातों को सिरे से खारिज करती रहती हैं। लेकिन चीनी सरकार को अपना डेटा साझा करने की बात पर कोई कंपनी बात नहीं करती हैं।
भारतीयों के डेटा करते हैं चीनी सरकार से साझाभारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन के ऐसे 50 से ज्यादा ऐप्स की निशानदेही की है जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इन Apps के जरिये देश और सुरक्षा से संबंधित अहम डेटा भारत के बाहर भेजा जा रहा है। जिन मोबाइल Apps को देश की सुरक्षा के लिये खतरा माना गया है उनमें Tik-Tok, Helo, UC Browser और Zoom शामिल हैं। इसके अलावा महिलाओं के लिए शॉपिंग ऐप Shien और Xiaomi को भी सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक कहा गया है।
आसान शब्दों में समझिए जासूसी का तरीकामामले से जुड़े एक जानकार का कहना है कि TikTok, Helo, UC Browser और Zoom को आप मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये सभी ऐप्स आपके फोन के लोकेशन और आपके द्वारा इस्तेमाल होने वाले सभी ऐप्स और अहम जानकारियां चुपके से अपने पास स्टोर करते हैं। ऐसे में जितने भी भारतीय ये ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, इनकी हर एक बात ये कंपनियां अपने पास रखती हैं। जानकार बताते हैं कि चीन की हर कंपनी को अपना डेटा चीनी सरकार के साथ साझा करना अनिवार्य है। चीनी खुफिया एजेंसियां और चीनी सेना इन्हीं डेटा को लेकर देश पर हमला करने की रणनीति तैयार कर सकती हैं। कई मामलों में ऐसा हो भी रहा होगा लेकिन चीनी सरकार इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं करती है।
पॉपुलर ऐप्स जिन्हें खुफिया एजेंसियों ने माना खतराटिक-टॉक (Tik – Tok) हेलो (Helo)यूसी ब्राउजर (UC Browser)यूसी न्यूज (UC News)शेयर इट (Sharit)लाइकी (Likee)360 सिक्योरिटी (360 Security)न्यूज डॉग (NewsDog)शिन (SHEIN) विगो वीडियो (Vigo Video)वी चैट (WeChat)वीबो (Weibo)वीबो लाइव (Vibo live)क्लब फैक्टरी (Club Factory)आपके हर वीडियो और पोस्ट का रखा जाता है आंकड़ाएक अन्य अधिकारी ने बताया कि देश में Tik-Tok, Helo, UC Browser और Zoom ऐप्स को इस्तेमाल करने वाला हर एक व्यक्ति चीनी सरकार की राडार में है। ऐसे में जाने- अनजाने आप जितने भी वीडियो, पोस्ट और बातचीत करते हैं, ये सभी जानकारियां चीनी सर्वर में स्टोर होता है। इन ऐप्स को चलाने वाली कंपनियां डेटा के साथ छेड़छाड़ की बातों को सिरे से खारिज करती रहती हैं। लेकिन चीनी सरकार को अपना डेटा साझा करने की बात पर कोई कंपनी बात नहीं करती हैं।