'How is the josh... high sir' / पंजाब में कामयाबी से आप का बढ़ा हौसला, दक्षिणी राज्यों में शुरू करेगी सदस्यता अभियान

दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी कामयाबी का परचम लहरा चुकी आम आदमी पार्टी (आप) का हौसला सातवें आसमान पर है। निसंदेह वह क्षेत्रीय दल से राष्ट्रीय दल की ओर बढ़ रही है। इसी इरादे से वह अब दक्षिण भारत में बड़ा सदस्यता अभियान शुरू कर अपने पैर फैलाना चाहती है। राजनीतिक पंड़ितों की मानें तो आप कांग्रेस का विकल्प बनने की कोशिश में है, क्योंकि ममता बनर्जी को अब तक वैसी कामयाबी नहीं मिली है, जैसी अरविंद केजरीवाल नीत आप को मिली है।

Vikrant Shekhawat : Mar 12, 2022, 11:58 AM
दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी कामयाबी का परचम लहरा चुकी आम आदमी पार्टी (आप) का हौसला सातवें आसमान पर है। निसंदेह वह क्षेत्रीय दल से राष्ट्रीय दल की ओर बढ़ रही है। इसी इरादे से वह अब दक्षिण भारत में बड़ा सदस्यता अभियान शुरू कर अपने पैर फैलाना चाहती है।

राजनीतिक पंड़ितों की मानें तो आप कांग्रेस का विकल्प बनने की कोशिश में है, क्योंकि ममता बनर्जी को अब तक वैसी कामयाबी नहीं मिली है, जैसी अरविंद केजरीवाल नीत आप को मिली है।  आप के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुड्डचेरी, अंडमान निकोबार व लक्ष्यद्वीप में सदस्यता अभियान शुरू करेगी।  शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि पंजाब में आप की जबर्दस्त जीत के बाद दक्षिण भारत के लोगों ने पार्टी में रुचि दिखाना शुरू किया है। 

भारती ने कहा कि लोगों का मूड और दक्षिण भारत में हमारी टीम को मिल रहे समर्थन के कारण पूरे इलाके में हमने सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय किया है। भारती ने कहा कि यह अभियान पार्टी की स्थानीय इकाइयां चलाएंगी। 

उन्होंने कहा कि ये अभियान तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुड्डचेरी, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में सक्रिय रूप से शुरू होगा। उन्होंने कहा, 'मैं उन सभी से आह्वान करता हूं जो भारत की राजनीति में बदलाव लाने की जरूरत महसूस करते हैं, आप में शामिल हों और क्रांति का हिस्सा बनें।' भारती ने कहा कि पार्टी ने दक्षिणी राज्यों में चरणबद्ध ढंग से पैदल मार्च निकालने का भी फैसला किया है। यह 14 अप्रैल को बाबा साहब बीआर अंबेडकर की जयंती पर तेलंगाना से शुरू होगा। 

आप ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक व तेलंगाना में चुनाव लड़ा था, लेकिन खाता नहीं खोल सकी थी। अब पंजाब फतह के बाद वह दक्षिण भारत में नए सिरे से पैठ बनाना चाहती है। देखना होगा कि इसमें उसे कितनी कामयाबी मिल पाती है।