Vikrant Shekhawat : Aug 18, 2020, 04:20 PM
US: चीन से तनाव और कोरोना वायरस महामारी के बीच अमेरिका ने हवाई द्वीप समूह के पास दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास रिमपैक (Rim of the Pacific Exercise) शुरू कर दिया है। 17 से 31 तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में 10 देशों के 20 महाविनाशक युद्धपोत और सबमरीन हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्भाभ्यास में चीन को न्योता नहीं दिया गया है। आमतौर पर रिमपैक में 30 देशों के 50 युद्धपोत-सबमरीन, 200 फाइटर जेट और 25 हजार जवान हिस्सा लेते रहे हैं। हालांकि कोरोना संकट की वजह से इस बार केवल 5300 जवान ही हिस्सा ले रहे हैं।
दोस्तों के साथ भरोसा कायम करना मकसद: यूएस नेवीअमेरिका के तीसरे फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल स्कॉट कॉन ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद प्रशांत महासागर में अपने दोस्तों के बीच एक-दूसरे पर निर्भरता और विश्वास को बढ़ाना है। इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनई, कनाडा, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर और अमेरिका हिस्सा ले रहे हैं। इस बार अभ्यास के दौरान 10 देशों की नौसेनाएं जमीनी हमले और सबमरीन युद्धकौशल का अभ्यास करेंगे। इस दौरान लाइव फायर के भी अभ्यास होंगे। कोरोना वायरस खतरे को देखते हुए सुरक्षा के खास उपाय किए गए हैं। करीब 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही इस अभ्यास में सैनिकों हिस्सा लेने दिया जा रहा है।चीन से तनाव पर ताइवान को अमेरिका ने नहीं दिया न्योतायह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोकने के लिए अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात किया है। यहीं नहीं अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर लगातार इस इलाके में न केवल गश्त लगा रहा है, बल्कि युद्धाभ्यास भी कर रहा है। इस तनाव को देखते हुए माना जा रहा था कि अमेरिका ताइवान की नौसेना को भी रिमपैक में शामिल होने का न्यौता दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन के साथ तनाव के चरम पहुंचने से रोकने के लिए ताइवान को इस अभ्यास में न्योता नहीं दिया। यही नहीं चीन को भी एकबार फिर से इस युद्भायास से बाहर रखा गया है।
दोस्तों के साथ भरोसा कायम करना मकसद: यूएस नेवीअमेरिका के तीसरे फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल स्कॉट कॉन ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद प्रशांत महासागर में अपने दोस्तों के बीच एक-दूसरे पर निर्भरता और विश्वास को बढ़ाना है। इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनई, कनाडा, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर और अमेरिका हिस्सा ले रहे हैं। इस बार अभ्यास के दौरान 10 देशों की नौसेनाएं जमीनी हमले और सबमरीन युद्धकौशल का अभ्यास करेंगे। इस दौरान लाइव फायर के भी अभ्यास होंगे। कोरोना वायरस खतरे को देखते हुए सुरक्षा के खास उपाय किए गए हैं। करीब 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही इस अभ्यास में सैनिकों हिस्सा लेने दिया जा रहा है।चीन से तनाव पर ताइवान को अमेरिका ने नहीं दिया न्योतायह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोकने के लिए अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात किया है। यहीं नहीं अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर लगातार इस इलाके में न केवल गश्त लगा रहा है, बल्कि युद्धाभ्यास भी कर रहा है। इस तनाव को देखते हुए माना जा रहा था कि अमेरिका ताइवान की नौसेना को भी रिमपैक में शामिल होने का न्यौता दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन के साथ तनाव के चरम पहुंचने से रोकने के लिए ताइवान को इस अभ्यास में न्योता नहीं दिया। यही नहीं चीन को भी एकबार फिर से इस युद्भायास से बाहर रखा गया है।