Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2019, 04:14 PM
सीकर. इंस्पेक्टर विक्रमसिंह शेखावत केवल एसीबी नहीं वरन पूरी राजस्थान पुलिस का हीरो था। अपने निधन से दो—तीन दिन पहले उसने मुझे कागज पर लिखकर दिया 'सर! इस स्थिति में मेरे बयान होते हैं तो अपराधियों के खिलाफ कितना असर होगा?' यह देखकर मैं स्तब्ध रह गया। ये शब्द हैं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिरीक्षक और ख्यात आईपीएस दिनेश एमएन के।
वे सीकर के समीप खुड़ी गांव में विक्रमसिंह शेखावत के अंतिम संस्कार के बाद गांव के लोगों से मुखातिब थे। विक्रम के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्य मंत्री सचिन पायलट, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास आदि नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।
विक्रमसिंह का उनके पैतृक गांव खुड़ी छोटी में उनके कृषि फार्म पर शहीद पिता व पूर्वजों की छतरियों के पास पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके आठ वर्षीय पुत्र शौर्यवर्धन और भाई दीपेन्द्रसिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। यहां पर सीकर के पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला, आईजी दिनेश एमएन, पुलिस महानिरीक्षक रूल्स आईपीएस वीके सिंह, राजस्थान के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी आईआरएस राजेन्द्रसिंह, न्यूज 18 के वरिष्ठ पत्रकार श्रीपाल शक्तावत, दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार आनंद चौधरी, युवा एक्टीविस्ट यशवर्धनसिंह शेखावत झेरली, श्रवणसिंह राठौड़ दासपां, लक्ष्मणगढ़ थाना प्रभारी राम मनोहर, निरीक्षक महावीरसिंह राठौड़, व्यवसाई राजेश जैन, श्रवणसिंह बगड़ी, देवेंद्रसिंह खुड़ी समेत सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में विक्रम को अंतिम विदाई दी गई।
वह सच्चा कर्मयोगी था
दिनेश एमएन का कहना था कि अपने काम को इस तरह जीने वाला, अपने विभाग, समाज और राज्य के लिए जीने वाला व्यक्ति मैंने पहले कभी नहीं देखा। वह वाकई सच्चा कर्मयोगी था। किसी से डरा नहीं। कभी यह नहीं सोचा कि जिसके खिलाफ एक्शन ले रहे हैं वह बड़ा आदमी है आगे क्या होगा? मेरा तो वह छोटा भाई था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि विक्रम के बारे में इस तरह की स्थिति में बोलना पड़ेगा। परन्तु वह मौत से लड़ते—लड़ते भी अपने काम के बारे में सोच रहा था। ऐसे लोग प्रेरणादायी होते हैं, कई—कई पीढ़ियों के लिए...।
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पुलिस महानिरीक्षक रूल्स आईपीएस वीके सिंह ने कहा कि उसने अपने जीवन में उच्च मर्यादाएं स्थापित की। इस गांव व समाज के लोगों को धन्यवाद है कि उन्होंने राज्य को इतना अच्छा अफसर और देश को श्रेष्ठ नागरिक दिया। हमें विक्रम पर गर्व है और हम उसके काम को आगे बढ़ाएंगे। श्रीपाल शक्तावत, आनंद चौधरी, महावीरसिंह, हिन्दुस्तान टाइम्स के जयप्रकाश आदि लोग विक्रमसिंह के बारे में बताते हुए रो पड़े। आईआरएस राजेन्द्रसिंह ने कहा कि वह उनके साथ पढ़े और बेहद अनूठे थे। उन्हें क्रिकेट का शौक था। वह अजय जडेजा जैसे दिखते थे। इसलिए सब उन्हें कहते थे आप क्रिकेटर बनना। मैं कहता था विकसा आप बहुत स्मार्ट दिखते हो बॉलीवुड चले जाओ, हीरो बन जाओगे। परन्तु विक्रम का जवाब था। अपन राजस्थान में ही रहेंगे और हीरो बनेंगे। वह हीरो बना हम सबके लिए और आज हमारा हीरो हमें छोड़कर चला गया। हम सबने एक शानदार मित्र खो दिया। विक्रम की पार्थिव देह को देखकर हर किसी की आंख भर आई।