
- भारत,
- 06-Sep-2019 03:18 PM IST
Chandrayan-2: चंद्रयान-2' का लैंडर ‘विक्रम' शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करेगा। इसरो के वैज्ञानिकों के साथ इस क्षण की प्रतीक्षा इसरो के वैज्ञानिकों के साथ ही दुनिया को भी है। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।
इस पल का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगलूरू स्थित इसरो सेंटर में मौजूद रहेंगे। उनके साथ देशभर से चुने हुए बच्चे भी शामिल होंगे। हम हमेशा देखते हैं कि एस्ट्रोनॉट सिर्फ व्हाइट या ऑरेंज कलर की ड्रेस में ही रहता है। क्या आप जानते हैं इसके पीछे क कारण..?आगे पढ़ते हैं आखिरकार क्यों नजर आता है एस्ट्रोनॉट व्हाइट या ऑरेंज कलर के कपड़ों में...
इस पल का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगलूरू स्थित इसरो सेंटर में मौजूद रहेंगे। उनके साथ देशभर से चुने हुए बच्चे भी शामिल होंगे। हम हमेशा देखते हैं कि एस्ट्रोनॉट सिर्फ व्हाइट या ऑरेंज कलर की ड्रेस में ही रहता है। क्या आप जानते हैं इसके पीछे क कारण..?आगे पढ़ते हैं आखिरकार क्यों नजर आता है एस्ट्रोनॉट व्हाइट या ऑरेंज कलर के कपड़ों में...
- ऑरेंज स्पेस सूट को एडवांस क्रू एस्केप सूट (ACES) भी कहते हैं।
- व्हाइट स्पेस सूट का नाम एक्स्ट्रा विहाइकुलर एक्टिविटी सूट (EVAS)हैं।
- ऑरेंज सूट को एंट्री सूट के नाम से भी जानते हैं।
- स्पेस में ऑरेंज सूट आसानी से दिखता है।
- सूर्य के तेज प्रकाश को रिफलेक्ट करने के लिए व्हाइट कलर का सूट पहना जाता है।
- अंतरिक्ष के काले वातावरण में व्हाइट कलर आसानी से दिखता है।
- बता दें कि ऑरेंज सूट स्पेस शटल की टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय दुर्घटनाओं से एस्ट्रोनॉट्स को बचाते हैं।
- व्बाइट सूट को मुख्य रूप से स्पेस वॉकिंग के लिए डिजाइन किया जाता है।
- व्हाइट सूट में वॉटर कूलिंग सिस्टम भी है। ये दूसरे स्पेस में सरवाईवल में हेल्प करते हैं।
- खास बाते ये है कि EVA सूट शरीर के पसीने को रीसाइकल करता है जिससे एस्ट्रोनॉट्स विषम परिस्थितियों में भी कूल रहते हैं।
- व्हाइट सूट के अंदर एक ड्रिंक बैग भी होता है जो पानी से भरा होता है। ये 6 घंटे के स्पेसवॉक तक चिल करता है।