Vikrant Shekhawat : Jul 05, 2021, 03:49 PM
Delhi: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉन्ग वर्किंग आवर्स यानी कि लंबे समय तक काम करने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ा है। इसकी वजह से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो रही है। एनवायरनमेंट इंटरनेशनल में छपी WHO और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की स्टडी के मुताबिक, 2016 में लंबे समय तक काम करने से स्ट्रोक और दिल की बीमारी से 7,45,000 लोगों की मौत हुई थी। इस आंकड़े में 29 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। WHO ने ये रिपोर्ट पिछले महीने जारी की थी।
कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। घर से ही काम करने की वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। WHO और ILO की रिपोर्ट के मुताबिक काम के बोझ का सबसे ज्यादा असर पुरुषों पर पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक 45 से 74 वर्ष की आयु के बीच हर सप्ताह 55 घंटे या उससे अधिक समय तक काम करने वाले पुरुषों में मौत का आंकड़ा 72% तक था। डॉक्टर्स भी काम की वजह से होने वाले मानसिक तनाव और दिल की बीमारी के बीच संबंध बताते हैं। मेडिकवर हॉस्पिटल्स हैदराबाद के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉक्टर कुमार नारायण ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'आजकल, न केवल काम के घंटे लंबे हो गए हैं, बल्कि काम का तनाव भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है।'डॉक्टर नारायण ने कहा, 'काम का समय बहुत ज्यादा बढ़ने का खराब असर शरीर पर पड़ता है। इसकी वजह से खानपान की गलत आदतें पड़ जाती हैं। साथ ही स्मोकिंग, नींद ना पूरी होने और सुस्ती जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ये सभी चीजें शरीर के लिए हानिकारक हैं।'लॉन्ग वर्किंग आवर्स का असर मानसिक रूप से भी बहुत ज्यादा पड़ रहा है। काम के तनाव की वजह से कई लोग डिप्रेशन का भी शिकार हो रहे हैं। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियोलॉजी के निदेशक और एचओडी डॉक्टर आर के जसवाल ने कहा, 'नौकरी की अनिश्चितता और लॉन्ग वर्किंग आवर्स की वजह से लोगों में तनाव बढ़ रहा है। समय के साथ वर्किंग ऑवर्स बढ़ते जाने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से उन लोगों में जो स्मोक करते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं।'चेन्नई में कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर उल्हास एम पांडुरंगी का कहना है कि, 'तनाव का दिल पर भारी असर पड़ता है। यह स्पष्ट है कि लंबे समय तक काम करना दिल की बीमारियों की मुख्य वजहों में से एक है। ये डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर एक साथ होने के बराबर है।
मौजूदा हालात में महामारी से बचाव के लिए वर्क फ्रॉम होम हर किसी की जरूरत बन चुका है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को काम के बीच समय निकाल कर खुद पर ध्यान देने की भी सलाह दे रहे हैं। स्ट्रोक और दिल की बीमारियों से बचने के लिए एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।डॉक्टर्स फैट्स और ज्यादा नमक वाला खाना ना खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको कम फाइबर वाली डाइट, जंक और फास्ट फूड से बचना चाहिए। स्मोकिंग कम करें। अगर आपको इसकी लत है तो धीरे-धीरे से इसे छोड़ने की आदत डालें। सबसे जरूरी है कि वर्क फ्रॉम होम में भी आप एक्सरसाइज करना ना छोड़ें। इससे आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से फिट रहेंगे।
कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। घर से ही काम करने की वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। WHO और ILO की रिपोर्ट के मुताबिक काम के बोझ का सबसे ज्यादा असर पुरुषों पर पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक 45 से 74 वर्ष की आयु के बीच हर सप्ताह 55 घंटे या उससे अधिक समय तक काम करने वाले पुरुषों में मौत का आंकड़ा 72% तक था। डॉक्टर्स भी काम की वजह से होने वाले मानसिक तनाव और दिल की बीमारी के बीच संबंध बताते हैं। मेडिकवर हॉस्पिटल्स हैदराबाद के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉक्टर कुमार नारायण ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'आजकल, न केवल काम के घंटे लंबे हो गए हैं, बल्कि काम का तनाव भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है।'डॉक्टर नारायण ने कहा, 'काम का समय बहुत ज्यादा बढ़ने का खराब असर शरीर पर पड़ता है। इसकी वजह से खानपान की गलत आदतें पड़ जाती हैं। साथ ही स्मोकिंग, नींद ना पूरी होने और सुस्ती जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ये सभी चीजें शरीर के लिए हानिकारक हैं।'लॉन्ग वर्किंग आवर्स का असर मानसिक रूप से भी बहुत ज्यादा पड़ रहा है। काम के तनाव की वजह से कई लोग डिप्रेशन का भी शिकार हो रहे हैं। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियोलॉजी के निदेशक और एचओडी डॉक्टर आर के जसवाल ने कहा, 'नौकरी की अनिश्चितता और लॉन्ग वर्किंग आवर्स की वजह से लोगों में तनाव बढ़ रहा है। समय के साथ वर्किंग ऑवर्स बढ़ते जाने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से उन लोगों में जो स्मोक करते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं।'चेन्नई में कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर उल्हास एम पांडुरंगी का कहना है कि, 'तनाव का दिल पर भारी असर पड़ता है। यह स्पष्ट है कि लंबे समय तक काम करना दिल की बीमारियों की मुख्य वजहों में से एक है। ये डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर एक साथ होने के बराबर है।
मौजूदा हालात में महामारी से बचाव के लिए वर्क फ्रॉम होम हर किसी की जरूरत बन चुका है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को काम के बीच समय निकाल कर खुद पर ध्यान देने की भी सलाह दे रहे हैं। स्ट्रोक और दिल की बीमारियों से बचने के लिए एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।डॉक्टर्स फैट्स और ज्यादा नमक वाला खाना ना खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको कम फाइबर वाली डाइट, जंक और फास्ट फूड से बचना चाहिए। स्मोकिंग कम करें। अगर आपको इसकी लत है तो धीरे-धीरे से इसे छोड़ने की आदत डालें। सबसे जरूरी है कि वर्क फ्रॉम होम में भी आप एक्सरसाइज करना ना छोड़ें। इससे आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से फिट रहेंगे।