Vikrant Shekhawat : Jul 25, 2021, 05:08 PM
Delhi: 12 साल के एक बच्चे की पीली जुबान देखकर डॉक्टर भी घबरा गए हैं। ये बच्चा ऑटोइम्यून डिसॉर्डर से गंभीर रूप से पीड़ित पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे का इम्यून सिस्टम शरीर में उसके ही रेड ब्लड सेल्स (रक्त कोशिकाएं) पर अटैक कर रहा है, जिसकी वजह से उसकी ऐसी हालत हो गई थी।'दि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' की एक रिपोर्ट मुताबिक, बच्चे के शरीर में कुछ गंभीर लक्षण दिखने के बाद उसे टोरंटो (कनाडा) के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया था। डॉक्टर्स ने बताया कि उसे गले में खराश, पीला पेशाब, पेट में दर्द और त्वचा के पीले पड़ने जैसी शिकायतें थीं।
बच्चे की नाजुक हालत और लक्षण देखकर डॉक्टर्स को लगा कि यह जॉन्डिस (पीलिया) है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें इंसान की त्वचा और आंख के सफेद भाग का रंग पीला पड़ने लगता है। हालांकि बच्चे की चमकदार पीली जुबान ने डॉक्टर्स को ज्यादा परेशानी में डाल दिया।कुछ टेस्ट कराने के बाद डॉक्टर्स ने बच्चे को एनीमिया और 'एपस्टीन बार वायरस' से संक्रमित पाया। ये एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर बच्चों को संक्रमित करता है और इसमें ऑटोइम्यून से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें देखी जाती हैं।दरअसल डॉक्टर्स ने बच्चे को 'कोल्ड एग्लूटीनिन डिसीज' से पीड़ित पाया है। ये ऐसा ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है जिसमें किसी इंसान का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर की रक्त कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि कोल्ड टेंपरेचर (ठंडा तापमान) इस कंडीशन को ट्रिगर करता है।डॉक्टर्स को लगता है कि बच्चा एपस्टीन बार वायरस से संक्रमित होने के बाद ही कोल्ड एग्लूटीनिन नाम की इस बीमारी के चपेट में आया होगा। बच्चे की जुबान पर दिख रहे लक्षण की तस्वीर अब तेजी से वायरल हो रही है।नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, कोल्ड एग्लूटीनिन में शरीर के रेड ब्लड सेल्स तेजी से टूटने लगते हैं और बिलिरुबिन नाम का एक येलो कंपाउंड बनने लगता है। इसी कैमिकल कंपाउंड की वजह से लोगों को जॉन्डिस यानी पीलिया होता है।डॉक्टर्स ने ब्लड ट्रांसफ्यूशन और ओरल स्टेरॉयड की मदद से बच्चे का इलाज किया है। पिछले सात हफ्तों से बच्चे की इम्यून सिस्टम एक्टिविटी को कम करने की कोशिश की जा रही थी। रिपोर्ट में बताया गया कि है कि बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और उसकी जुबान का रंग भी सामान्य हो चुका है।कोल्ड एग्लूटीनिन रोग के लक्षण- डॉक्टर्स कहते हैं कि इस बीमारी में रोगी के शरीर में थकावट, चक्कर आना, सिरदर्द, हाथ पैर ठंडे और त्वचा के पीले पड़ने जैसे लक्षण देखे जा सकता हैं।इसके अलावा बहुत ज्यादा पीला पेशाब, छाती में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द, डायरिया और उल्टी जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
बच्चे की नाजुक हालत और लक्षण देखकर डॉक्टर्स को लगा कि यह जॉन्डिस (पीलिया) है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें इंसान की त्वचा और आंख के सफेद भाग का रंग पीला पड़ने लगता है। हालांकि बच्चे की चमकदार पीली जुबान ने डॉक्टर्स को ज्यादा परेशानी में डाल दिया।कुछ टेस्ट कराने के बाद डॉक्टर्स ने बच्चे को एनीमिया और 'एपस्टीन बार वायरस' से संक्रमित पाया। ये एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर बच्चों को संक्रमित करता है और इसमें ऑटोइम्यून से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें देखी जाती हैं।दरअसल डॉक्टर्स ने बच्चे को 'कोल्ड एग्लूटीनिन डिसीज' से पीड़ित पाया है। ये ऐसा ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है जिसमें किसी इंसान का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर की रक्त कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि कोल्ड टेंपरेचर (ठंडा तापमान) इस कंडीशन को ट्रिगर करता है।डॉक्टर्स को लगता है कि बच्चा एपस्टीन बार वायरस से संक्रमित होने के बाद ही कोल्ड एग्लूटीनिन नाम की इस बीमारी के चपेट में आया होगा। बच्चे की जुबान पर दिख रहे लक्षण की तस्वीर अब तेजी से वायरल हो रही है।नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, कोल्ड एग्लूटीनिन में शरीर के रेड ब्लड सेल्स तेजी से टूटने लगते हैं और बिलिरुबिन नाम का एक येलो कंपाउंड बनने लगता है। इसी कैमिकल कंपाउंड की वजह से लोगों को जॉन्डिस यानी पीलिया होता है।डॉक्टर्स ने ब्लड ट्रांसफ्यूशन और ओरल स्टेरॉयड की मदद से बच्चे का इलाज किया है। पिछले सात हफ्तों से बच्चे की इम्यून सिस्टम एक्टिविटी को कम करने की कोशिश की जा रही थी। रिपोर्ट में बताया गया कि है कि बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और उसकी जुबान का रंग भी सामान्य हो चुका है।कोल्ड एग्लूटीनिन रोग के लक्षण- डॉक्टर्स कहते हैं कि इस बीमारी में रोगी के शरीर में थकावट, चक्कर आना, सिरदर्द, हाथ पैर ठंडे और त्वचा के पीले पड़ने जैसे लक्षण देखे जा सकता हैं।इसके अलावा बहुत ज्यादा पीला पेशाब, छाती में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द, डायरिया और उल्टी जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।