NavBharat Times : Aug 10, 2020, 08:19 AM
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में एक और कंपनी का नाम सामने आ रहा है। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो (VIVO) के इस साल के लिए टाइटल स्पॉन्सर से हटने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि (Patanjali) भी इस दौड़ में शामिल हो गई है। कंपनी की ओर से इस बात की पुष्टि भी हो गई है।
पंतजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने हमारे सहयोगी अखबार इकॉनमिक टाइम्स से इस बात की पुष्टि भी की है। तिजारावाला ने कहा, 'हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को एक वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहे हैं।बाजार के जानकार हालांकि इस बात को मानते हैं कि एक चीनी कंपनी के विकल्प के दौर पर एक राष्ट्रीय ब्रांड के तौर पर पंतजलि का दावा बहुत मजबूत है लेकिन उनका यह भी मानना है कि उसमें एक मल्टीनैशनल ब्रांड के तौर पर स्टार पावर की कमी है।
वीवो हटा, अब कौनभारत और चीन के बीच तनाव के चलते चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो ने इस साल टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया था। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। वीवो टाइटल स्पॉन्सशिप के लिए हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। कोरोना वायरस के चलते इस समय बाजार की हालत बहुत अच्छी नहीं है इसलिए बोर्ड भी समझता है कि एक साल के लिए कोई नई कंपनी शायद वीवो जितना ही भुगतान न करे।
यह कंपनियां भी दौड़ मेंऑनलाइन शॉपिंग दिग्गज कंपनी ऐमजॉन, फैंटसी स्पोर्टस कंपनी ड्रीम 11 और टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर और ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूज भी इस साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ मे हैं।
पंतजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने हमारे सहयोगी अखबार इकॉनमिक टाइम्स से इस बात की पुष्टि भी की है। तिजारावाला ने कहा, 'हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को एक वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहे हैं।बाजार के जानकार हालांकि इस बात को मानते हैं कि एक चीनी कंपनी के विकल्प के दौर पर एक राष्ट्रीय ब्रांड के तौर पर पंतजलि का दावा बहुत मजबूत है लेकिन उनका यह भी मानना है कि उसमें एक मल्टीनैशनल ब्रांड के तौर पर स्टार पावर की कमी है।
वीवो हटा, अब कौनभारत और चीन के बीच तनाव के चलते चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो ने इस साल टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया था। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। वीवो टाइटल स्पॉन्सशिप के लिए हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। कोरोना वायरस के चलते इस समय बाजार की हालत बहुत अच्छी नहीं है इसलिए बोर्ड भी समझता है कि एक साल के लिए कोई नई कंपनी शायद वीवो जितना ही भुगतान न करे।
यह कंपनियां भी दौड़ मेंऑनलाइन शॉपिंग दिग्गज कंपनी ऐमजॉन, फैंटसी स्पोर्टस कंपनी ड्रीम 11 और टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर और ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूज भी इस साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ मे हैं।