देश / उत्तराखंड में बारिश संबंधी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 34

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बताया कि राज्य में बारिश संबंधी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है जबकि 5 अन्य लोग लापता हैं। वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने मरने वालों के परिवारों के लिए ₹4 लाख के मुआवज़े और अपना घर गंवाने वालों के लिए ₹1.09 लाख की सहायता की घोषणा की।

Vikrant Shekhawat : Oct 20, 2021, 07:41 AM
Uttarakhand rainfall news: उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की वजह से तबाही मची है. राज्य के कई हिस्सों में इस नई प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 40 तक पहुंच चुका है. सरकार आपदा से त्रस्त लोगों की मदद करने का ऐलान किया है. नैनीताल और अन्य क्षेत्रों से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें सड़कों और पुलों से पानी बहता दिख रहा है. यही नहीं रेल की पटरियां तक बह गई हैं.

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि नैनीताल में 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पूरे प्रदेश में कुल 40 मौतें हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. और घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये दिए जाएंगे. जिन लोगों ने अपना पशुधन खो दिया है, उन्हें भी हर संभव मदद दी जाएगी.

PM मोदी ने जताया शोक

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया. उन्होंने कहा, 'उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं. घायल शीघ्र स्वस्थ हों. प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है. मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं.'

एनडीआरएफ की कितनी टीमें कहां तैनात

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं. ऊधमसिंह नगर में अब तक 300 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.

ऊधमसिंह नगर- 6 टीम

उत्तरकाशी- 2 टीम

चमोली- 2 टीम

देहरादून- 1 टीम

हरिद्वार- 1 टीम

पिथौरागढ़-  1 टीम

नैनीताल-1 फूल टीम और 1 सब टीम

अल्मोड़ा में 1 सब टीम

रिजॉर्ट में फंसे 200 सैलानियों को किया गया रेस्क्यू

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में फंसे करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं. सबसे ज्यादा हताहत नैनीताल जिले में हुई. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया था कि पिछले दो दिनों में कुल 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य बादल फटने और भूस्खलन के बाद मलबे में दबे हुए हैं.

मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक पिछले 24 घंटे में भारी बारिश से बहुत भारी बारिश हुई है. नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्ज हुई है जबकि पिथौरागढ़ में 212.1 एमएम, मुक्तेश्वर 340.8 एमएम बारिश हुई है.

वहीं नैनीताल जिले के रामगढ़ इलाके में बादल फटने की खबर है और इस घटना में कई मजदूरों के बह जाने की आशंका जताई गई है. दूसरी ओर, कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें दिख रहा है कि नैनी झील उफना गई है और सड़कों, कॉफी की दुकानों और आसपास के कई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न दिखाई दे रहे हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बनी स्थिति के दृष्टिगत जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से जगह-जगह जाकर नुकसान एवं राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहा हूं.

नैनीताल पूरी तरह से कटा, रास्ते बंद 

एक के बाद एक कई भूस्खलन की घटनाओं की वजह से इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें अवरुद्ध होने से नैनीताल उत्तराखंड के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है. कई जगहों पर राहत और बचाव कार्य जारी है. हालांकि मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले 24 घंटे में कम बारिश होगी.

इस बीच भारी बारिश की वजह से नैनीताल झील ओवरफ्लो होकर भवाली और हल्द्वानी दोनों मार्गों की ओर तेज धार में नदी की तरह बह रही थी. हालात ये हो गए थे कि कैंट की तरफ जो दुकानें भवाली रोड पर थीं वहां 25 से 30 लोग पिछले 14 घंटों से फंसे हुए थे. उन्हें सेना की मदद से बाहर निकला गया.