News18 : Jul 24, 2020, 03:29 PM
जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) की सियासत में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है। उम्मीद की जा रही थी कि हाईकोर्ट की तरफ से फैसला आने के बाद प्रदेश में राजनीतिक रस्साकशी खत्म हो जाएगी। लेकिन, अब राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से पूरे मामले में नया और दिलचस्प मोड़ आ गया है। कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनकी टीम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। अब हर किसी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी रहेंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने नए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। आइए एक नजर डालते हैं कि गहलोत अब किन विकल्पों पर काम कर सकते हैं।।।क्या है गहलोत का अगला प्लान?हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गहलोत अब बगावत से बचने के लिए विधायकों का दिल जीतने की कोशिश करेंगे। कहा जा रहा है कि खुद मुख्यमंत्री नाराज़ विधायकों से वन टू वन बातचीत भी कर सकते हैं।राजभवन में विधायकों की परेडअशोक गहलोत राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड भी करवा सकते हैं। करीब 86 कांग्रेस विधायकों के साथ गहलोत राजभवन पहुंच सकते हैं। दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री पिछले एक सप्ताह में दो बार राज्यपाल से सदन में बहुमत साबित करने के लिए सदन की बैठक बुलाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन राज्यपाल ने उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनसे तीसरी बार इसका अनुरोध उनसे करेंगे।फ्लोर टेस्ट में किसका पलड़ा भारी?सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि उन्हें 103 विधायकों का समर्थन हासिल है। कहा जा रहा है कि इसमें कांग्रेस के 88, बीटीपी के 02, सीपीएम 02, आरएलडी के 1 और 10 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। अगर पायलट गुट बाहर होता है तो सदन में उन्हें सिर्फ 91 विधायकों का साथ चाहिए होगा। ऐसे में गहलोत के लिए बहुमत साबित करना आसान होगा।बढ़ सकती है गहलोत की मुश्किलेअगर फ्लोर टेस्ट अभी नहीं होता है और साथ ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला सचिन पायलट और बागी विधायकों के पक्ष में आता है तो गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल बीजेपी के 75 विधायक हैं। अगर 19 विधायकों और समर्थन उन्हें और मिल जाता है तो फिर गहलोत घिर जाएंगे।