- भारत,
- 07-Mar-2025 10:49 PM IST
Donald Trump News: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को कड़ी चेतावनी देते हुए यूक्रेन के साथ तत्काल बातचीत करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि रूस यूक्रेन पर हमले जारी रखता है, तो अमेरिका रूस पर व्यापक बैंकिंग प्रतिबंध और भारी टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार करेगा।
ट्रंप ने अपनी घोषणा में कहा, "रूस इस समय यूक्रेन को युद्ध के मैदान में तबाह करने पर तुला हुआ है। ऐसे में मैं रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा हूं, जो तब तक जारी रहेंगे जब तक युद्ध विराम और शांति समझौता नहीं हो जाता।" उन्होंने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे बातचीत के लिए जल्द राजी हो जाएं, अन्यथा स्थिति और बिगड़ सकती है।
जेलेंस्की के साथ बहस और असहमति
हाल ही में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच हुई मुलाकात भी चर्चा में रही। माना जा रहा था कि इस बैठक से कोई सकारात्मक समाधान निकलेगा, लेकिन वार्ता के अंत में दोनों नेताओं के बीच बहस हो गई। ट्रंप ने कहा था कि "अमेरिका की मदद के बिना यूक्रेन इस युद्ध में ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा।"
इस बैठक के बाद, जेलेंस्की समझौते के लिए अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन वार्ता के अनिश्चित अंत के कारण उन्हें तय समय से पहले ही वापस लौटना पड़ा। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि यूक्रेन को अभी भी अमेरिका से पूर्ण समर्थन मिलने में कठिनाई हो रही है, और ट्रंप का रुख इस मामले में सख्त नजर आ रहा है।
रूस पर अब तक के सबसे बड़े प्रतिबंध
यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर 21,000 से अधिक प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान समेत कई देशों ने रूस पर आर्थिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है।
इन प्रतिबंधों में शामिल हैं:
- रूस के बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों पर कड़े नियंत्रण
- तेल और गैस उद्योग को कमजोर करने के लिए निर्यात प्रतिबंध
- रूस से सोने और हीरे के आयात पर रोक
- हथियार निर्माण के लिए आवश्यक तकनीक पर प्रतिबंध
- क्रेमलिन समर्थित अरबपतियों की संपत्तियों की जब्ती
विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
क्या होगा अगला कदम?
ट्रंप की इस घोषणा से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। यदि वे दोबारा सत्ता में आते हैं, तो रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए उनके द्वारा लागू किए जाने वाले प्रतिबंध और नीतियां अहम भूमिका निभा सकती हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रूस बातचीत के लिए तैयार होता है या इन प्रतिबंधों के बावजूद अपनी युद्ध नीति जारी रखता है।