इंडिया / विंग कमांडर अभिनंदन के 51 स्क्वॉर्डन को सम्मानित करेगी वायुसेना

भारतीय वायु सेना ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान के 51 स्क्वॉर्डन को सम्मानित करने का फैसला किया है। यह सम्मान वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया देंगे। इसी साल 27 फरवरी को पाकिस्तान के एरियल अटैक में वायुसेना के 51 स्क्वॉर्डन ने ही मोर्चा संभालते पड़ोसी मुल्क के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। स्क्वॉर्डन की ओर से यह सम्मान कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन सतीश पवार को दिया जाएगा।

Live Hindustan : Oct 06, 2019, 12:18 PM
नई दिल्ली | भारतीय वायु सेना ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान के 51 स्क्वॉर्डन को सम्मानित करने का फैसला किया है। यह सम्मान वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया देंगे। इसी साल 27 फरवरी को पाकिस्तान के एरियल अटैक में वायुसेना के 51 स्क्वॉर्डन ने ही मोर्चा संभालते पड़ोसी मुल्क के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। स्क्वॉर्डन की ओर से यह सम्मान कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन सतीश पवार को दिया जाएगा।

इसके साथ ही बालाकोट स्थित जैश आतंकी शिविर पर हवाई हमले में शामिल 9 स्क्वॉर्डन को भी सम्मानिक किया जाएगा। इसी स्क्वॉर्डन के मिराज 2000 फाइटर जेट ने जैश के ठिकानों को जमींदोज कर दिया था। इतना ही नहीं बालाकोट हवाई हमला और फिर उसके अगले दिन पाकिस्तान के साथ आसमानी एरियल फाइट में अहम भूमिका निभाने के लिए स्क्वॉर्डन लीडर मितीं अग्रवाल के 601 सिग्नल यूनिट को भी सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है।

गौरतलब है कि इसी साल 14 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद बीते 26 फरवरी को बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में शहीद 40 जवान की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। जिसके बाद 48 साल में पहली बार भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान से वायुक्षेत्र में घुसते हुए उसके खैबर पख्तूनख्वा स्थित बालाकोट में जैश के आतंकी शिविर को ध्वस्त कर दिया था।

बालाकोट एयरस्ट्राइक का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे और इसकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए इसका कोडनेम ‘ऑपरेशन बंदर’ रखा था। वायुसेना के इस सैन्य ऑपरेशन के लिए 12 मिराज लड़ाकू विमानों को भेजा था। गोपनीयता बनाए रखने और योजना की जानकारी सार्वजनिक न हो यह सुनिश्चित करने के लिए बालाकोट ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन बंदर’ कोडनेम दिया गया था।’

यही कोडनेम क्यों रखा गया? इसके पीछे की किसी खास वजह का खुलासा न करते हुए सूत्रों ने कहा था कि बंदरों का भारत में युद्ध में हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है। भगवान राम के सेनानायक प्रभु हनुमान चुपके से लंका में घुस जाते हैं और शक्तिशाली रावण का पूरा साम्राज्य उजाड़ देते हैं।

12 मिराज विमानों ने दागीं मिसाइलें: 26 फरवरी को 12 मिराज विमानों ने बालाकोट शहर में मौजूद जैश के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल बरसाने के लिए उड़ानें भरी थीं। बालाकोट पाक के खैबर पख्तूनवा प्रांत में आता है।

90 सेकेंड में पूरा हुआ था मिशन

भारतीय वायु सेना (IAF) की तरफ से पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी शिविर पर 'मिशन' को सिर्फ 90 सेकेंड के भीतर अंजाम दिया गया था और इस ऑपरेशन के लिए जिस तरह की सीक्रेसी रखी गई थी उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे अंजाम देने वाले पायलट के परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में कुछ नहीं मालूम था। इस तरह के भारतीय वायुसेना के हमले में पहली बार इस्तेमाल किए गए मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के एक पालयट ने बताया था कि “यह 90 सेकेंड में पूरा हो गया था, हमने बम फेंका और वापस लौट आए।” जबकि, नाम न बताने की शर्त पर भारतीय वायु सेना के एक अन्य पायलट ने कहा था “इसे कोई नहीं जानता था, यहां तक के मेरे परिवार के सदस्यों को भी नहीं मालूम था।”