Dainik Bhaskar : Jul 17, 2019, 11:42 PM
मैच के आखिरी ओवर में गुप्टिल के ओवर-थ्रो पर इंग्लैंड को 6 रन मिले थेगुप्टिल का थ्रो स्टोक्स के बल्ले से लगा था, उसके बाद गेंद बाउंड्री के बाहर चली गई थीलंदन। वर्ल्ड कप के फाइनल में मार्टिन गुप्टिल के थ्रो पर आखिरी में इंग्लैंड को 4 रन अतिरिक्त मिले थे। गुप्टिल का थ्रो स्टोक्स के बल्ले से लगकर बाउंड्री के पार चला गया था। इस पर इंग्लैंड के इस ऑलराउंडर ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन से माफी मांगी थी। अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायरों से बात करने के बाद इंग्लैंड को कुल छह रन दिए। इससे इंग्लिश टीम मैच में वापस आ गई थी। तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने दावा किया कि स्टोक्स ने अंपायरों से फैसला बदल लेने के लिए भी कहा था।
एंडरसन ने माइकल वॉन से बीबीसी टेलएंडर्स पोडकास्ट पर बात करते हुए कहा, ‘क्रिकेट में शिष्टाचार भी होते हैं। अगर गेंद स्टम्प की तरफ फेंकी गई है और यह आपको लगकर फील्डर से दूर चली गई तो आप रन नहीं लेते हैं, लेकिन वह बाउंड्री के पार चली जाती है तो नियम के मुताबित चार रन होता है। इसमें बल्लेबाज कुछ नहीं कर सकता। स्टोक्स अंपायर के पास गए थे। उनसे कहा था कि आप चार रन वापस ले सकते हैं। हमें इसकी जरूरत नहीं है। यह नियमों में शामिल है तो वे कुछ नहीं कर सकते थे।’
साइमन टॉफेल ने अंपायरों के निर्णय को गलता कहा था
अंपायरों के इस फैसले को आईसीसी के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि आईसीसी के नियमों के मुताबिक, इस ओवर थ्रो पर इंग्लैंड को 5 रन ही मिलने चाहिए थे। जब गुप्टिल ने थ्रो फेंका था, तब स्टोक्स और रशीद एक रन पूरा कर चुके थे। हालांकि, जब थ्रो फेंका गया, तब वे दूसरे रन के लिए एक-दूसरे को क्रॉस नहीं कर पाए थे। थ्रो पहुंचने से पहले स्टोक्स क्रीज में पहुंच चुके थे, लेकिन तभी गेंद उनके बल्ले से लगकर बाउंड्री तक चली गई थी। टॉफेल के मुताबिक, ऐसी स्थिति में उन्हें केवल 5 रन मिलने चाहिए थे, ना कि 6 रन।मैच और सुपर ओवर, दोनों टाई हुए
वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार फाइनल में सुपर ओवर खेला गया। यह भी पहली बार हुआ, जब मैच और सुपर ओवर दोनों टाई हो गए। न्यूजीलैंड ने पहले 241 रन बनाए। इंग्लैंड की टीम 241 रन पर ही ऑलआउट हो गई। सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए। न्यूजीलैंड ने इस लक्ष्य की बराबरी तो कर ली, लेकिन जीत के लिए जरूरी एक रन बनाने से चूक गया। इसके बाद आईसीसी के नियमानुसार ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया। पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं।
एंडरसन ने माइकल वॉन से बीबीसी टेलएंडर्स पोडकास्ट पर बात करते हुए कहा, ‘क्रिकेट में शिष्टाचार भी होते हैं। अगर गेंद स्टम्प की तरफ फेंकी गई है और यह आपको लगकर फील्डर से दूर चली गई तो आप रन नहीं लेते हैं, लेकिन वह बाउंड्री के पार चली जाती है तो नियम के मुताबित चार रन होता है। इसमें बल्लेबाज कुछ नहीं कर सकता। स्टोक्स अंपायर के पास गए थे। उनसे कहा था कि आप चार रन वापस ले सकते हैं। हमें इसकी जरूरत नहीं है। यह नियमों में शामिल है तो वे कुछ नहीं कर सकते थे।’
साइमन टॉफेल ने अंपायरों के निर्णय को गलता कहा था
अंपायरों के इस फैसले को आईसीसी के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि आईसीसी के नियमों के मुताबिक, इस ओवर थ्रो पर इंग्लैंड को 5 रन ही मिलने चाहिए थे। जब गुप्टिल ने थ्रो फेंका था, तब स्टोक्स और रशीद एक रन पूरा कर चुके थे। हालांकि, जब थ्रो फेंका गया, तब वे दूसरे रन के लिए एक-दूसरे को क्रॉस नहीं कर पाए थे। थ्रो पहुंचने से पहले स्टोक्स क्रीज में पहुंच चुके थे, लेकिन तभी गेंद उनके बल्ले से लगकर बाउंड्री तक चली गई थी। टॉफेल के मुताबिक, ऐसी स्थिति में उन्हें केवल 5 रन मिलने चाहिए थे, ना कि 6 रन।मैच और सुपर ओवर, दोनों टाई हुए
वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार फाइनल में सुपर ओवर खेला गया। यह भी पहली बार हुआ, जब मैच और सुपर ओवर दोनों टाई हो गए। न्यूजीलैंड ने पहले 241 रन बनाए। इंग्लैंड की टीम 241 रन पर ही ऑलआउट हो गई। सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए। न्यूजीलैंड ने इस लक्ष्य की बराबरी तो कर ली, लेकिन जीत के लिए जरूरी एक रन बनाने से चूक गया। इसके बाद आईसीसी के नियमानुसार ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया। पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं।