Vikrant Shekhawat : Sep 09, 2021, 04:46 PM
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी राहत प्रदान की है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के आदेश को सही ठहराते हुए डीएमआरसी को 2800 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की इकाई को करने का निर्देश दिया है। जनवरी, 2019 तक ब्याज सहित कुल डीएमआरसी पर कुल देनदारी 4500 करोड़ रुपये की थी। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को राहत देते हुए आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत डीएमआरसी पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमपीईएल) को 2782.33 करोड़ रुपये की देनदारी तय की गई थी। मेट्रो को यह रकम एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेशन कॉस्ट के तौर पर देने के लिए कहा गया था।यह मामला रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीएमआरसी के बीच बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस के लिए 2008 में हुए एक समझौते से जुड़ा है। हालांकि, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2012 में इस समझौते को रद्द कर दिया था। डीएमआरसी ने मध्यस्थता शुरू करने की मांग करते हुए एक मध्यस्थता क्लॉज को लागू किया। 2017 में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को हर्जाना पाने का हकदार माना और डीएमआरसी को 2800 करोड़ रुपये ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया। 2018 में, दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने ट्रिब्यूनल के आदेश को बरकरार रखा और डीएमआरसी को भुगतान करने का निर्देश दिया। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने डीएमआरसी को राहत देते हुए 2019 में ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी। रिलायंस इंफ्रा ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी।इस खबर के बार रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 4.95 प्रतिशत तक की तेजी आई है। बीएसई पर कंपनी का शेयर 3.50 रुपये की तेजी के साथ 74.15 रुपये पर पहुंच गया और इसके साथ ही इसमें अपर सर्किट भी लग गया।रिलायंस इन्फ्रा की सहायक कंपनी के साथ मिलकर डीएमआरसी ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन को बनाने और ऑपरेशन को लेकर अग्रीमेंट किया था। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आधारित डीएमआरसी का यह पहला प्रोजेक्ट था। इसके तहत करीब 22.7 किलीमीटर लंबी मेट्रो लाइन बिछाई गई जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को सीधे आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल-3 से कनेक्ट करती है। इस लाइन के निर्माण में कुछ खामियां पाते हुए डीएमआरसी ने 2013 में डीएएमपीईएल के साथ अपने समझौते को वापस ले लिया। इससे भारी नुकसान की बात कहते हुए डीएएमपीईएल ने ट्रिब्यूनल और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।