Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2020, 08:38 PM
जयपुर | भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने सी.पी. जोशी एवं मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत की बातचीत का वीडियो वायरल को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पुत्र के बातचीत के वीडियो से स्पष्ट हो गया कि संवैधानिक संस्थाएं किसके दबाव में हैं। विधानसभा अध्यक्ष को सरकार बचाने की ज्यादा चिंता है। उनका कांग्रेस की तरफ राजनैतिक झुकाव पूरी तरह प्रदर्शित हो रहा है, जो संवैधानिक दायित्व पर बैठे व्यक्ति के आचरण के बिल्कुल खिलाफ है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की सदन में निरपेक्ष भूमिका होती है, लेकिन सी.पी. जोशी, वैभव गहलोत की बातचीत का जो वीडियो सामने आया है वो बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वीडियो में तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा है, सुनाई दे रहा है, इससे स्पष्ट है कि इसकी तो जाँच की भी आवश्यकता नहीं है। वीडियो की बातचीत से तो एक बात स्पष्ट नजर आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने बेटे के राजनैतिक करियर को स्थापित करने की सालों से चिंता है। लेकिन इस वीडियो से एक और बात स्पष्ट हो रही है कि स्पीकर को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार को बचाने की ज्यादा चिंता है और यह उन्होंने समय-समय पर किसी ना किसी रूप में प्रकट भी किया है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि वीडियो की वैधानिकता और सत्यता के बारे में खुद स्पीकर कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। सदन की गरिमा और निरपेक्षता को बनाये रखने के लिए इस पद पर उनका बने रहना उचित नहीं लगता। उनको नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान विधानसभा सत्र 14 अगस्त को आहूत होने जा रहा है, जिसको लेकर डाॅ. पूनियां ने कहा कि सत्र के दौरान एक हजार से ज्यादा कर्मचारी, दो सौ विधायक, उनका स्टाफ मौजूद रहेगा तो ऐसे में कोरोना को लेकर मौजूद लोगों में संक्रमण फैला तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के कई विधायक हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं ऐसे में सत्र के दौरान कुछ भी कोरोना को लेकर होता है तो कांग्रेस सरकार इसकी जिम्मेदार होगी।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि सरकार के आचरण से लगता था कि सरकार डराकर, धमका कर, राजभवन को घेरने की धमकी देकर, कानून व्यवस्था को भंग करने की धमकी देकर सत्र बुलाना चाह रही थी, जो परम्पराओं के खिलाफ था। इसलिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरीके के प्रश्न खड़े कर भ्रम पैदा किया गया। अब नीतिगत एवं मर्यादित तरीके से सरकार को जवाब मिल गया है। राज्यपाल महोदय ने संवैधानिक प्रावधानों का पालन करते हुए सत्र आहूत करने के आदेश जारी कर दिये हैं, बाकि सब मसले खत्म हो गये। अब सदन तय करेगा और आने वाला भविष्य तय करेगा।
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डाॅ. पूनियां ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूरी तरह मजबूत हैं। कांग्रेस की रणनीतिक मंशा के हिसाब से हम अपनी रणनीति तैयार करेंगे और सरकार को जवाब देंगे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की सदन में निरपेक्ष भूमिका होती है, लेकिन सी.पी. जोशी, वैभव गहलोत की बातचीत का जो वीडियो सामने आया है वो बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वीडियो में तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा है, सुनाई दे रहा है, इससे स्पष्ट है कि इसकी तो जाँच की भी आवश्यकता नहीं है। वीडियो की बातचीत से तो एक बात स्पष्ट नजर आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने बेटे के राजनैतिक करियर को स्थापित करने की सालों से चिंता है। लेकिन इस वीडियो से एक और बात स्पष्ट हो रही है कि स्पीकर को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार को बचाने की ज्यादा चिंता है और यह उन्होंने समय-समय पर किसी ना किसी रूप में प्रकट भी किया है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि वीडियो की वैधानिकता और सत्यता के बारे में खुद स्पीकर कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। सदन की गरिमा और निरपेक्षता को बनाये रखने के लिए इस पद पर उनका बने रहना उचित नहीं लगता। उनको नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान विधानसभा सत्र 14 अगस्त को आहूत होने जा रहा है, जिसको लेकर डाॅ. पूनियां ने कहा कि सत्र के दौरान एक हजार से ज्यादा कर्मचारी, दो सौ विधायक, उनका स्टाफ मौजूद रहेगा तो ऐसे में कोरोना को लेकर मौजूद लोगों में संक्रमण फैला तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के कई विधायक हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं ऐसे में सत्र के दौरान कुछ भी कोरोना को लेकर होता है तो कांग्रेस सरकार इसकी जिम्मेदार होगी।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि सरकार के आचरण से लगता था कि सरकार डराकर, धमका कर, राजभवन को घेरने की धमकी देकर, कानून व्यवस्था को भंग करने की धमकी देकर सत्र बुलाना चाह रही थी, जो परम्पराओं के खिलाफ था। इसलिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरीके के प्रश्न खड़े कर भ्रम पैदा किया गया। अब नीतिगत एवं मर्यादित तरीके से सरकार को जवाब मिल गया है। राज्यपाल महोदय ने संवैधानिक प्रावधानों का पालन करते हुए सत्र आहूत करने के आदेश जारी कर दिये हैं, बाकि सब मसले खत्म हो गये। अब सदन तय करेगा और आने वाला भविष्य तय करेगा।
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डाॅ. पूनियां ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूरी तरह मजबूत हैं। कांग्रेस की रणनीतिक मंशा के हिसाब से हम अपनी रणनीति तैयार करेंगे और सरकार को जवाब देंगे।