राजस्थान / तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 से जुड़ी बड़ी खबर, अभी खत्म नहीं हुई पंचायती

नागौर । शुरू से विवादों में रही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती- 2012 एक बार फिर चर्चा में है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2012 में पहली आयोजित करवाई गई शिक्षक भर्ती परीक्षा में बरती गई अनियमितताएं आठ साल बाद भी राज्य सरकार के लिए गले की फांस बनी हुई है। तीन बार परिणाम संशोधित करने व विज्ञापित पदों से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के बावजूद आज भी सैकड़ों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके हाथ में हाईकोर्ट का

Vikrant Shekhawat : Sep 18, 2020, 12:11 PM

नागौर  । शुरू से विवादों में रही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती- 2012 एक बार फिर चर्चा में है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2012 में पहली आयोजित करवाई गई शिक्षक भर्ती परीक्षा में बरती गई अनियमितताएं आठ साल बाद भी राज्य सरकार के लिए गले की फांस बनी हुई है। तीन बार परिणाम संशोधित करने व विज्ञापित पदों से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के बावजूद आज भी सैकड़ों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके हाथ में हाईकोर्ट का ‘ऑर्डर’ है, जिसमें सरकार को उन्हें नियुक्ति देने के निर्देश दे रखे हैं।

हालांकि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डबल बैंच में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पहले ही निर्धारित पदों से अधिक नियुक्तियां दी जा चुकी हैं, इसलिए अब और नियुक्तियां नहीं दी जा सकती, लेकिन कोर्ट का कहना था कि यदि नौकरी करने वाले से अधिक अंक वाला अभ्यर्थी बेरोजगार है तो उसे नियुक्ति दी जानी चाहिए। ऐसे में सरकार ने प्रदेश के सभी जिला परिषदों से इस सम्बन्ध में सूचना मांगी है, ताकि डबल बैंच में रिविजन याचिका लगा सके।

नागौर जिला : शिक्षक भर्ती परीक्षा एक नजर-

  •  3022 हजार पदों के लिए वर्ष 2012 में निकली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 
  •  2 जून, 2012 को हुई परीक्षा
  •  सितम्बर, 2012 में जारी हुआ परिणाम
  • अगस्त, 2013 में जारी हुआ संशोधित परिणाम
  • 30 जुलाई, 2014 को जारी की गई पुन: संशोधित उत्तर कुंजी
  • 30 नवम्बर, 2016 को तीसरी बार जारी किया गया परिणाम
  • 3412 कुल नियुक्तिया दी गई अब तक भर्ती के तहत 
  • 113 अभ्यर्थियों ने चयन के बावजूद नहीं किया ज्वाइन
  • 542 अभ्यर्थी ज्वाइन करने के बाद नौकरी छोडकऱ चले गए


मेरिट से बाहर होने वाले 519 को निकाल नहीं सके : 

अगस्त 2013 में शिक्षक भर्ती का परिणाम संशोधित करते ही पूरी मेरिट लिस्ट बदल गई। जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ था उनमें से सैकड़ों अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए, जबकि उनके स्थान पर सैकड़ों अभ्यर्थी नए चयनित हो गए। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण बाहर होने वाले अभ्यर्थियों को निकालने की बजाए नए चयनित होने वालों को रिक्त पदों पर नियुक्ति दे दी। यही प्रक्रिया वर्ष 2016 में संशोधित हुए परिणाम में रही। अंतिम परिणाम संशोधित होने पर जिले के कुल 519 अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए, लेकिन उन्हें निकाला नहीं जा सका और शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर दिसम्बर 2018 में उन्हें समायोजित कर दिया गया।

अब अधिक अंक वाले मांग रहे नियुक्ति :

अब ऐसे अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जो मेरिट में नहीं हैं, लेकिन उनके अंक उन अभ्यर्थियों से ज्यादा हैं, जिनका पहले व दूसरे परिणाम में चयन तो हो गया, लेकिन संशोधित परिणाम जारी होने पर वे मेरिट से बाहर हो गए। तीन बार परिणाम जारी होने के बाद कई अभ्यर्थी मेरिट में आ गए और कई बाहर होने के बावजूद पहले नियुक्ति लेने के कारण नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जो मेरिट में तो नहीं आए, लेकिन उनके अंक वर्तमान में नौकरी कर रहे 519 अभ्यर्थियों से ज्यादा हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट की डबल बैंच नियुक्ति देने के आदेश दे चुकी है।

सरकारी कर ही रिविजन याचिका लगाने की तैयारी :

हाईकोर्ट में सरकार ने कहा कि उनके पास पद रिक्त नहीं हैं, जिस पर कोर्ट ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया और जो नियुक्ति लेने के बाद छोडकऱ चले गए, उन सब के पदों को जोडकऱ उन्हें रिक्त मानते हुए उन पदों अधिक अंक वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए। अब सरकार ने प्रदेश की सभी जिला परिषदों से इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण सूचना मांगी है। नागौर से भेजी गई जानकारी में 113 ज्वाइन नहीं करने वाले तथा 542 नौकरी छोडऩे वालों को मिलाकर कुल 655 पद रिक्त बताए गए हैं। हालांकि 113 ज्वाइन नहीं करने वालों के स्थान पर पहले ही समायोजन कर नियुक्ति दी जा चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार डबल बैंच में रिविजन याचिका लगाने की तैयारी कर रही है।

सूचना भिजवाई है 

राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 से जुड़ी सूचना मांगी थी, जिसमें ज्वाइन नहीं करने वाले अभ्यर्थियों एवं नौकरी छोडऩे वाले शिक्षकों से सम्बन्धित फेक्चुअल जानकारी हमने सरकार को भिजवा दी है। 

 जवाहर चौधरी, सीईओ, जिला परिषद, नागौर