Vikrant Shekhawat : Sep 30, 2023, 10:33 PM
'INDIA' Alliance: बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को घेरने के लिए एक तरफ विपक्षी दल INDIA गठबंधन बनाकर एकजुटता का संदेश दे रहे हैं तो दूसरी ओर उन्हीं के कुछ नेता अपने विवादित बयानों से सारे किए धरे पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. इसकी शुरुआत तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि से हुई थी और अब आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिला आरक्षण पर बयान देकर एक नए विवाद को हवा दे दी है. बीजेपी इन दोनों मुद्दों को भुनाने में जुट गई है.लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिला आरक्षण को लेकर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि लिपस्टिक और बॉब-कट हेयर स्टाइल वाली औरतें महिला आरक्षण कानून के नाम पर आगे आएंगी. अब सिद्दीकी के इस बयान पर राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है. बीजेपी के लिए सिद्दीकी का यह बयान INDIA के लिए किसी सेल्फ गोल से कम नहीं है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने सिद्दीकी की टिप्पणी को राजद नेता की छोटी मानसिकता दिखाने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि जो महिलाएं संसद या विधानसभा पहुंच रही हैं, सभी को कानून की जानकारी है और सभी जनता से जुड़े मुद्दे को भी उठाती हैं.सिद्दीकी से पहले तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इसे खत्म करना है और मानवता को बढ़ावा देना है. जिस तरह से हम मच्छर, डेंगू, मेलेरिया और कोरोना को खत्म करते हैं उसी तरह से सनातन को भी समाज से पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए. उदयनिधि का यह बयान जैसे ही सामने आया बीजेपी INDIA गठबंधन पर हमलावर हो गई. क्योंकि एमके स्टालिन की पार्टी भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. दूसरी ओर INDIA गठबंधन के कई नेता भी उदयनिधि के बयान से खुद को अलग करते हुए नजर आए. वहीं, कुछ ने इसे उदयनिधि का व्यक्तिगत बयान बताकर बचने की कोशिश की.विपक्षी नेताओं का बयान बीजेपी के लिए मौकाविपक्षी गठबंधन के कुछ बड़बोले नेताओं की वजह से बीजेपी को पलटवार का मौका मिल जा रहा है. सनातन के मुद्दे को बीजेपी ने पुरजोर तरीके से उठाते हुए हिंन्दुत्व से जोड़ दिया है और मैदान में प्रवक्ताओं की पूरी फौज उतार दी. वहीं, विपक्षी गठबंधन INDIA बैकफुट पर आ गया. गठबंधन के कुछ नेताओं ने टिप्पणी को व्यक्तिगत बताया तो कुछ ने उदयनिधि को नसीहत भी दी. बीजेपी के लिए यह मौका इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि भाजपा की राजनीति सनातन और हिंदुत्व के आसपास घूमती नजर आती है और बीजेपी हिंदुत्व को अपना कोर वोटर भी मानती है. ऐसे में उदयनिधि की सनातन पर टिप्पणी बीजेपी के लिए बड़ा हथियार बन चुका है.पांच चुनावी राज्यों में बड़ा मुद्दा बना सकती है बीजेपीअब सिद्दीकी ने अपने बयान के जरिए आग में घी डालने का काम कर दिया है. महिला आरक्षण बिल जो कि बीजेपी ही लेकर आई और अब उसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में बीजेपी आरजेडी नेता के बयान पर सियासत करती हुई नजर आएगी, इसमें कोई दो राय नहीं है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. पांच में से तीन राज्य की गिनती हिंदी भाषी राज्यों में होती है और सनातन और हिंदुत्व यहां के लिए शुरू से ही बड़ा मुद्दा रहा है. ऐसे में अब बीजेपी इसे भुनाने में पीछे नहीं हटने वाली है.बिल का विरोध करना आरजेडी के सुरेंद्र यादव को पड़ा था भारीमहिला आरक्षण बिल को पहले भी कई बार पेश किया गया था, लेकिन विरोध की वजह से यह कभी पास नहीं हो पाया था. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी महिला आरक्षण बिल लेकर आई थी. उस समय भी यही आरजेडी सबसे ज्यादा चर्चा में रही और इसके केंद्र में रहे सुरेंद्र यादव. बिल को जब लोकसभा में पेश किया गया तब आरजेडी ने खूब हंगामा मचाया था और सांसद सुरेंद्र यादव बिल का विरोध करते हुए लालकृष्ण आडवाणी के हाथों से कॉपी लेकर फाड़ दी थी.हालांकि, विरोध की वजह से यह बिल उस समय पास नहीं हो सका. दूसरी ओर ओर सुरेंद्र यादव को अपने किए का खामियाजा भी भुगतना पड़ा. इस घटना के बाद सुरेंद्र यादव दोबारा लोकसभा नहीं पहुंचे पाए. चुनाव लड़ा भी तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उनकी राजनीति अब विधानसभा तक ही सिमट कर रह गई है.