AajTak : Sep 07, 2019, 09:55 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अध्यक्ष के सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्य में लगभग 100 फीसदी सफलता के करीब रहा. यह मिशन नाकाम नहीं है. इसरो चीफ ने कहा कि हम पहले से जारी अभियानों में व्यस्त हैं और चंद्रयान-2 के बाद गगनयान मिशन पर पूर्व निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक काम जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि स्पष्ट किया गगनयान समेत इसरो के बाकी मिशन तय समय पर होंगे. इसरो चीफ ने कहा कि अगले 14 दिनों में विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जाएगी.
डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि विक्रम लैंडर का आखिरी चरण ठीक नहीं रहा, इस वजह से विक्रम से हमारा संपर्क टूट गया. इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि एक बार विक्रम से हमारा लिंक टूटा तो फिर स्थापित नहीं हो सका. हालांकि उन्होंने कहा कि उम्मीद की किरण अभी बची हुई है और अगले 14 दिनों तक हम विक्रम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेंगे.चंद्रयान के साथ गये ऑर्बिटर के बारे में बताते हुए के सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर की लाइफ मात्र एक साल के लिए तय की गई थी, लेकिन ऑर्बिटर में मौजूद अतिरिक्त ईंधन की वजह से अब इसकी उम्र 7 साल तक लगायी जा रही है.
डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि विक्रम लैंडर का आखिरी चरण ठीक नहीं रहा, इस वजह से विक्रम से हमारा संपर्क टूट गया. इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि एक बार विक्रम से हमारा लिंक टूटा तो फिर स्थापित नहीं हो सका. हालांकि उन्होंने कहा कि उम्मीद की किरण अभी बची हुई है और अगले 14 दिनों तक हम विक्रम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेंगे.चंद्रयान के साथ गये ऑर्बिटर के बारे में बताते हुए के सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर की लाइफ मात्र एक साल के लिए तय की गई थी, लेकिन ऑर्बिटर में मौजूद अतिरिक्त ईंधन की वजह से अब इसकी उम्र 7 साल तक लगायी जा रही है.
इसरो के दूसरे अभियानों के बारे में डॉ के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 में आई दिक्कत का कोई असर इन मिशन पर नहीं पड़ेगा. डॉ सिवन ने कहा कि इसरो के दूसरे अभियान तय समय पर होंगे. बता दें कि भारत 2022 के लिए मिशन गगनयान पर काम कर रहा है. इस मिशन का मकसद अंतरिक्षयात्री को अंतरिक्ष में भेजना और उनकी सुरक्षित वापसी कराना है. इसरो के वैज्ञानिक पी जी दिवाकर ने कहा कि चंद्रयान और गगनयान का अलग लक्ष्य और अलग वैज्ञानिक उपलब्धि है. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, सैटेलाइट मिशन और मानव को अतंरिक्ष में भेजने को योजना बिना किसी दिक्कत के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुरुप चलेगी, हर मिशन अलग तरह का है."बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से घोषणा की थी कि इसरो 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इसके अलावा भारत आदित्य L-1 के नाम से सोलर मिशन पर भी काम कर रहा है. इसे अगले साल तक भेजे जाने की योजना है. बता दें कि भारत अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने की भी योजना पर काम कर रहा है.Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan: Right now the communication is lost, we will try to establish a link for the next 14 days. (Courtesy: DD) #Chandrayaan2Landing pic.twitter.com/36bXQRrKHI
— ANI (@ANI) September 7, 2019