Vikrant Shekhawat : Aug 22, 2019, 08:17 PM
पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के नेता पी. चिदम्बरम को न्यायालय ने 26 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में रिमाण्ड के लिए भेजने के आदेश दिए हैं। इस अवधि में सीबीआई उनसे आईएनएक्स मीडिया के घोटाले से जुड़े सवालों पर साक्ष्य जुटाएगी। चिदम्बरम पर आरोप हैं कि उन्होंने 305 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश के लिए आईएनएक्स मीडिया को गलत तरह से मंजूरी दिलाने में सहयोग किया।
विशेष न्यायालय में चिदम्बरम की ओर से पैरवी करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने उन्हें जमानत देने की मांग की। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई के हिसाब से जवाब न देना असहयोग नहीं है और सिब्बल बोले कि सीबीआई के पास सवाल तक तैयार नहीं, फिर रिमांड क्यों चाहिए? सीबीआई के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि चिदंबरम ने जांच में सहयोग नहीं किया। पूछताछ के लिए उन्हें 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा जाए। इसका विरोध करते हुए चिदंबरम के वकील ने कहा कि सीबीआई के हिसाब से जवाब न देने को असहयोग नहीं कहा जाएगा। कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि जब सीबीआई के पास सवाल तक तैयार नहीं हैं तो फिर रिमांड क्यों चाहिए? इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि हम मामले की तह तक जाना चाहते हैं। इस पर जस्टिस अजय कुमार कुहार ने तथ्यों और हालात के मद्देनजर चिदंबरम को कस्टडी में भेजा जाने को न्यायपूर्ण ठहराते हुए रिमांड के दौरान चिदंबरम के वकील और परिजनों को रोजाना 30 मिनट मिलने का समय दिया जाना स्वीकारा। गौरतलब है कि चिदंबरम बुधवार रात 10.25 बजे सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।
विशेष न्यायालय में चिदम्बरम की ओर से पैरवी करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने उन्हें जमानत देने की मांग की। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई के हिसाब से जवाब न देना असहयोग नहीं है और सिब्बल बोले कि सीबीआई के पास सवाल तक तैयार नहीं, फिर रिमांड क्यों चाहिए? सीबीआई के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि चिदंबरम ने जांच में सहयोग नहीं किया। पूछताछ के लिए उन्हें 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा जाए। इसका विरोध करते हुए चिदंबरम के वकील ने कहा कि सीबीआई के हिसाब से जवाब न देने को असहयोग नहीं कहा जाएगा। कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि जब सीबीआई के पास सवाल तक तैयार नहीं हैं तो फिर रिमांड क्यों चाहिए? इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि हम मामले की तह तक जाना चाहते हैं। इस पर जस्टिस अजय कुमार कुहार ने तथ्यों और हालात के मद्देनजर चिदंबरम को कस्टडी में भेजा जाने को न्यायपूर्ण ठहराते हुए रिमांड के दौरान चिदंबरम के वकील और परिजनों को रोजाना 30 मिनट मिलने का समय दिया जाना स्वीकारा। गौरतलब है कि चिदंबरम बुधवार रात 10.25 बजे सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।