COVID-19 Update / चीन ने अपने लोगों को दी वैक्सीन, हाई-रिस्क जोन में भेजा 60 हजार ऐसे लोगों को

वर्ष 2020 तक अलविदा कहने के लिए तैयार, दुनिया वर्तमान में कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही है। अमेरिका और ब्रिटेन में दो टीकों का इस्तेमाल शुरू हो गया है। अब चीन ने भी टीका के सफल निर्णयों का दावा किया है। चीन का कहना है कि उसने विभिन्न चरणों में टीका लगाने की कोशिश की है, जो सही साबित हुई है।

Vikrant Shekhawat : Dec 22, 2020, 04:26 PM
China: वर्ष 2020 तक अलविदा कहने के लिए तैयार, दुनिया वर्तमान में कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही है। अमेरिका और ब्रिटेन में दो टीकों का इस्तेमाल शुरू हो गया है। अब चीन ने भी टीका के सफल निर्णयों का दावा किया है। चीन का कहना है कि उसने विभिन्न चरणों में टीका लगाने की कोशिश की है, जो सही साबित हुई है।

चीनी स्टेट काउंसिल ऑफ वैक्सीन्स के प्रमुख झेंग के अनुसार, वैक्सीन पेश किए जाने के बाद से कोई समस्या नहीं हुई है, इसलिए इस टीके को सुरक्षित माना जा सकता है। झेंग ने कहा कि अगर वैक्सीन के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है और वायरस से सुरक्षा होती है तो यह सफल है। झेंग का दावा है कि चीन ने लगभग दस लाख लोगों पर आपातकालीन टीका लगाया है। वैक्सीन देने के बाद कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया दी, लेकिन कोई भी गंभीर नहीं था।

जब चीन ने अपने लोगों को वैक्सीन दी थी, तब लगभग 60 हजार लोगों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में भेजा गया था जहाँ कोरोना का खतरा सबसे अधिक था। लेकिन वहां से वापस आए लोगों ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी, ऐसे में चीन दावा करता है कि उसका टीका सुरक्षित है।

चीन में, वैक्सीन की दौड़ में मुख्य रूप से तीन कंपनियां आगे हैं, जिनमें से सिनफार्मा और सिनोवैक ऐसी कंपनियां हैं जो चीन के बाहर भी कुछ अन्य देशों में परीक्षण कर रही हैं। यूएई, ब्राजील, तुर्की, इंडोनेशिया, बहरीन जैसे देशों में चीनी का टीका परीक्षण किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस का कहर चीन में शुरू हुआ था, हालांकि अप्रैल से चीन में इसका कोई बड़ा प्रकोप नहीं था। लेकिन कोरोना ने दुनिया भर में लाखों लोगों को खो दिया। अब चीनी विशेषज्ञों को भरोसा है कि अगर उनके देश का टीका सफल हो जाता है, तो दुनिया वुहान घोटाले को भूल सकती है।

आपको बता दें कि अब तक फाइजर, मोर्डाना के टीके का इस्तेमाल किया जाने लगा है। ब्रिटेन, अमेरिका में भी टीकाकरण चल रहा है। भारत में भी, वैक्सीन को जनवरी की शुरुआत में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।