Vikrant Shekhawat : Apr 09, 2022, 09:40 PM
चीन कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। चीन के शंघाई शहर में लाखों लोग लॉकडाउन में हैं और स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग भूख से तड़प रहे हैं। कोरोना को कंट्रोल करने के लिए चीन जीरो कोविड रणनीति पर काम कर रहा है, जो कि सफल होती नहीं दिख रही है। शंघाई शहर में लॉकडाउन के तीन दिन बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। लॉकडाउन की वजह से स्थिति ऐसी हो गई है कि लोगों को भोजन, दवा और आवश्यक चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।सभी के लिए अनिवार्य टेस्ट होने के बाद भी शहर में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी जारी है। शंघाई में शनिवार को 23,600 नए मामले सामने आए। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार शहर के निवासी सोशल मीडिया पर भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं।द गार्जियन ने एक निवासी के हवाले से कहा कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कहां रहते हैं, आपके पास पैसा है या नहीं, आपको इस बात की चिंता करनी होगी कि आप क्या खा सकते हैं और आप कैसे चीजों को खरीद सकते हैं। ई-कॉमर्स कंपनी JD.com इंक ने शनिवार को कहा कि शंघाई में सामान पहुंचाने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है और 35 लाख से अधिक लोगों ने लाइव स्ट्रीमिंग बिक्री में शामिल हुए।भोजन और चिकित्सा सुविधाओं की मांग करने वाले निवासियों का एक वीडियो साझा करते हुए, वरिष्ठ पत्रकार माइकल स्मिथ ने ट्वीट किया, शंघाई में स्थिति डरावनी है। लाखों लोगों को अपने पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बुजुर्गों को दवा नहीं मिल पा रही है। परिवारों को खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है।शंघाई के डिप्टी मेयर ने शहर में कोरोना के प्रकोप से निपटने में कमियों को स्वीकार किया है। शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए अपने दूतावास को गैर जरूरी अधिकारियों और उनके परिवार को शंघाई से बाहर निकलने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि शंघाई जल्द ही उन इलाकों में लॉकडाउन हटाना शुरू करेगा जहां कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। 26 मिलियन की आबादी वाले शंघाई के बड़े हिस्से में 28 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ है।