Vikrant Shekhawat : Jun 15, 2021, 04:18 PM
Delhi: पूरी दुनिया में कोरोना फैलाने का जिम्मेदार चीन इन दिनों अपनी रची साजिश की ही सजा भुगतने की तरफ बढ़ रहा है। दरअसल चीन के ताइशन शहर पर महातबाही का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि ताइशन शहर का एक परमाणु प्लांट मौत का रेडिएशन छोड़ने लगा है। यहां कभी भी किसी भी वक्त धमाका हो सकता है।
चीन के गुआंगदोंग प्रांत में मौजूद एक परमाणु प्लांट से तबाही का खतरा मंडरा रहा है। इस न्यूक्लियर प्लांट से एटमी रेडिएशन के लीक होने की खबर बाहर आने के साथ ही चीन लीपापोती की कोशिश में जुट गया था लेकिन अमेरिका एक्शन में आ गया और चीन की ये भयंकर लापरवाही उजागर हो गई। जिस न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन लीक हो रहा है वो चीन के गुआंगदोंग प्रांत के ताइशन शहर में है। इस प्लांट से लगातार एटमी रेडिएशन बाहर निकलने की बात को चीन ने अब स्वीकार कर लिया है। बता दें कि ताइशन शहर की आबादी 10 लाख के करीब है। चीन का ये न्यूक्लियर प्लांट पूरे शहर को तबाह कर सकता है।आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्लांट को बचाने के लिए जिनपिंग पूरी ताकत लगा रहे हैं। चीन के इस प्लांट को तैयार करने में फ्रांस का बड़ा हाथ है। इसी वजह से अब फ्रांस भी सवालों के घेरे में है।ऐसे हालात में जब चीनी परमाणु प्लांट के लीक की खबर अमेरिका पहुंची तो व्हाइट हाउस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अमेरिका में बैठकों का दौर शुरू हो गया। चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए फ्रांस और अमेरिका से ही मदद की गुहार लगा दी। इसके लिए फ्रांस की कंपनी ने चीन के परमाणु प्लांट में रेडिएशन लीक के संबंध में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी को चिट्ठी लिखी है। बाइडेन सरकार बीते एक हफ्ते से इस रिपोर्ट पर अध्ययन में जुटी हुई है। चीनी न्यूक्लियर पावर प्लांट में फ्रांस की एक कंपनी भी हिस्सेदार थी और इसी कंपनी ने लीकेज के कारण संभावित रेडियोलॉजिकल खतरे को लेकर चेतावनी दी थी। हालांकि न्यूक्लियर प्लांट में हालात अभी काबू में हैं। मौजूदा स्थिति और प्लांट में काम करनेवालों और चीनी नागरिकों के लिए रेडिएशन का खतरा कितना बड़ा है इसका अभी स्पष्ट अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। फ्रांस की कंपनी के साथ चीन ने साल 2009 में ताइशन प्लांट का निर्माण शुरू किया था। साल 2018 और 2019 में यहां बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। हालांकि अभी स्थिति उतनी खतरनाक नहीं है लेकिन मामला काफी चिंताजनक है। ऐसे हालात की समीक्षा करने के लिए अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल इस मसले पर लगातार बैठकें कर रहा है। इसके अलावा बाइडेन प्रशासन ने स्थिति को लेकर फ्रांस की सरकार और एनर्जी डिपार्टमेंट एक्सपर्ट्स से मौजूदा स्टेटस रिपोर्ट साझा कर रहा है।दरअसल चीन बिजली के लिए पूरे देश में तेजी से पावर प्लांट लगा रहा है। ऐसे प्लांट को तैयार करने के लिए चीन फ्रांस समेत दुनिया की कई बड़ी कंपनियों की मदद ले रहा है। इसी कड़ी में फ्रांस की Framatome कंपनी चीन की मददगार बनी हुई है।चीन के न्यूक्लियर एनर्जी एसोसिएशन के मुताबिक इस समय चीन में 16 न्यूक्लियर प्लांट एक्टिव हैं। इन न्यूक्लियर प्लांट से चीन 51 हजार मेगावॉट बिजली बना रहा है।
चीन के गुआंगदोंग प्रांत में मौजूद एक परमाणु प्लांट से तबाही का खतरा मंडरा रहा है। इस न्यूक्लियर प्लांट से एटमी रेडिएशन के लीक होने की खबर बाहर आने के साथ ही चीन लीपापोती की कोशिश में जुट गया था लेकिन अमेरिका एक्शन में आ गया और चीन की ये भयंकर लापरवाही उजागर हो गई। जिस न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन लीक हो रहा है वो चीन के गुआंगदोंग प्रांत के ताइशन शहर में है। इस प्लांट से लगातार एटमी रेडिएशन बाहर निकलने की बात को चीन ने अब स्वीकार कर लिया है। बता दें कि ताइशन शहर की आबादी 10 लाख के करीब है। चीन का ये न्यूक्लियर प्लांट पूरे शहर को तबाह कर सकता है।आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्लांट को बचाने के लिए जिनपिंग पूरी ताकत लगा रहे हैं। चीन के इस प्लांट को तैयार करने में फ्रांस का बड़ा हाथ है। इसी वजह से अब फ्रांस भी सवालों के घेरे में है।ऐसे हालात में जब चीनी परमाणु प्लांट के लीक की खबर अमेरिका पहुंची तो व्हाइट हाउस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अमेरिका में बैठकों का दौर शुरू हो गया। चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए फ्रांस और अमेरिका से ही मदद की गुहार लगा दी। इसके लिए फ्रांस की कंपनी ने चीन के परमाणु प्लांट में रेडिएशन लीक के संबंध में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी को चिट्ठी लिखी है। बाइडेन सरकार बीते एक हफ्ते से इस रिपोर्ट पर अध्ययन में जुटी हुई है। चीनी न्यूक्लियर पावर प्लांट में फ्रांस की एक कंपनी भी हिस्सेदार थी और इसी कंपनी ने लीकेज के कारण संभावित रेडियोलॉजिकल खतरे को लेकर चेतावनी दी थी। हालांकि न्यूक्लियर प्लांट में हालात अभी काबू में हैं। मौजूदा स्थिति और प्लांट में काम करनेवालों और चीनी नागरिकों के लिए रेडिएशन का खतरा कितना बड़ा है इसका अभी स्पष्ट अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। फ्रांस की कंपनी के साथ चीन ने साल 2009 में ताइशन प्लांट का निर्माण शुरू किया था। साल 2018 और 2019 में यहां बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। हालांकि अभी स्थिति उतनी खतरनाक नहीं है लेकिन मामला काफी चिंताजनक है। ऐसे हालात की समीक्षा करने के लिए अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल इस मसले पर लगातार बैठकें कर रहा है। इसके अलावा बाइडेन प्रशासन ने स्थिति को लेकर फ्रांस की सरकार और एनर्जी डिपार्टमेंट एक्सपर्ट्स से मौजूदा स्टेटस रिपोर्ट साझा कर रहा है।दरअसल चीन बिजली के लिए पूरे देश में तेजी से पावर प्लांट लगा रहा है। ऐसे प्लांट को तैयार करने के लिए चीन फ्रांस समेत दुनिया की कई बड़ी कंपनियों की मदद ले रहा है। इसी कड़ी में फ्रांस की Framatome कंपनी चीन की मददगार बनी हुई है।चीन के न्यूक्लियर एनर्जी एसोसिएशन के मुताबिक इस समय चीन में 16 न्यूक्लियर प्लांट एक्टिव हैं। इन न्यूक्लियर प्लांट से चीन 51 हजार मेगावॉट बिजली बना रहा है।