AajTak : Jul 31, 2020, 07:05 PM
India-China: भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान राफेल के शामिल होने की चीनी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। पाकिस्तान ने जहां भारत को राफेल मिलने के बाद विश्व समुदाय से गुहार लगाई तो वहीं चीनी मीडिया इसकी तुलना अपने फाइटर जेट से करने में लगा हुआ है। फ्रांस में बना ये फाइटर जेट चीन के J-20 फाइटर जेट से कई गुना बेहतर है। हालांकि, चीनी मीडिया में राफेल को कमतर बताने की कोशिश की जा रही है।चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारत ने हाल ही में पांच राफेल फाइटर जेट हासिल किए हैं और भारत के पूर्व वायु सेना प्रमुख बी।ए। धनोआ ने इसे चीन के J-20 से ज्यादा अच्छा फाइटर जेट बताया है। चीनी एक्सपर्ट्स के हवाले से अखबार ने लिखा है कि राफेल तीसरी पीढ़ी का फाइटर जेट है और चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट J-20 के आगे कहीं नहीं टिकता है।चीन के सैन्य विशेषज्ञ ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, राफेल सुखोई-30 एमकेआई से बेहतर है जो भारतीय वायु सेना में बड़ी संख्या में मौजूद हैं। लेकिन राफेल बहुत उन्नत नहीं है और इसकी गुणवत्ता में बहुत बदलाव नहीं हुआ है। चीन के सैन्य विशेषज्ञ ने कहा, "AESA रडार, आधुनिक हथियार और सीमित तकनीक की वजह से राफेल को तीसरी पीढ़ी के अन्य फाइटर जेट से तुलना की जा सकती है जिसका इस्तेमाल बाकी देश भी कर रहे हैं लेकिन चौथी पीढ़ी के जे-20 जैसे अधिक क्षमता वाले लड़ाकू विमान का मुकाबला करना इसके लिए बेहद मुश्किल है।चीनी एक्सपर्ट ने लिखा, ये बात सबको मालूम है कि फाइटर जेट में पीढ़ी का फर्क बहुत बड़ा फर्क होता है और इसकी भरपाई किसी रणनीति या संख्या बढ़ाकर नहीं की जा सकती है। चीन का जे-20 फाइटर जेट राफेल से बहुत सुपीरियर है।"भारत के पूर्व वायु सेना प्रमुख बी।एस। धनोआ ने 4।5 जेनरेशन के राफेल को गेमचेंजर करार दिया था और कहा था कि चीन का फाइटर जेट जे-20 इसके आस-पास भी नहीं है। इसी बयान को लेकर चीन को मिर्ची लगी और उसने राफेल की कमियां निकालना शुरू कर दिया। हालांकि, धनोआ ने एक बार फिर चीन को चैलेंज किया है। धनोआ ने दो सवालों के साथ चीनी दावे का जवाब दिया है।पूर्व एयर चीफ मार्शल ने अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं लगता कि जे-20 इतना ट्रिकी है कि उसे फिफ्थ जेनरेशन फाइटर कहा जाए क्योंकि कनार्ड से फाइटर जेट का रडार सिग्नेचर बढ़ जाता है। इससे ये लॉन्ग-रेंज मीटॉर मिसाइल की पकड़ में आ जाता है जो कि राफेल में लगी है।धनोआ ने दूसरा सवाल किया कि अगर J-20 वाकई पांचवी पीढ़ी के फाइटर हैं जैसा कि इसका मैन्युफैक्चरर चेंगदू एरोस्पेस कहता है तो ये सुपरक्रूज क्यों नहीं कर सकते हैं। सुपरक्रूज वो क्षमता है जिसमें किसी फाइटर जेट को 1 मैक (ध्वनि की गति) की रफ्तार से बिना आफ्टरबर्नर्स के उड़ाया जा सकता है।धनोआ ने कहा, राफेल में सुपरक्रूजबिलिटी है और दुनिया के बेहतरीन फाइटर जेट से इसके रडार सिग्नेचर की तुलना की जा सकती है। धनोआ ने इसी सप्ताह चीनी प्रोपैगैंडा की धज्जियां उड़ाते हुए कहा था कि अगर चीनी हथियार और लड़ाकू विमान इतने अच्छे हैं तो पाकिस्तान को 27 फरवरी 2019 को चीन के JF-17 का इस्तेमाल अटैक में करना चाहिए था ना कि F-16 का। लेकिन पाकिस्तान ने चीन के लड़ाकू विमान JF-17 का इस्तेमाल सिर्फ अपने मिराज 3/5 बॉम्बर्स को सुरक्षा देने में किया।धनोआ ने चीन के रक्षा उपकरणों की क्षमता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चीन का आयरन ब्रदर (पाकिस्तान) उत्तर में स्वीडिश एयर वार्निंग का इस्तेमाल क्यों करता है जबकि चीनी AWACS को दक्षिण में रखता है।