बदलाव की आहट / कॉइनस्विच कुबेर पर नहीं खरीद पाएंगे क्रिप्टोकरेंसी, भुगतान के लिए सारे विकल्प बंद

देश में क्रिप्टो करंसी के क्षेत्र में किसी बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज 'कॉइनस्विच कुबेर' ने अपने ऐप पर से क्रिप्टो की खरीदी के लिए भुगतान के सारे विकल्प बंद कर दिए हैं। इसमें बैंक ट्रांसफर भी शामिल है। कॉइनस्विच कुबेर के इस कदम से दो दिन पहले 'कॉइनबेस' ने यूनीफाइड पैमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) को बंद कर दिया था। यह उसके प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो खरीदी का एकमात्र विकल्प था।

Vikrant Shekhawat : Apr 13, 2022, 09:17 AM
देश में क्रिप्टो करंसी के क्षेत्र में किसी बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज 'कॉइनस्विच कुबेर' ने अपने ऐप पर से क्रिप्टो की खरीदी के लिए भुगतान के सारे विकल्प बंद कर दिए हैं। इसमें बैंक ट्रांसफर भी शामिल है।

कॉइनस्विच कुबेर के इस कदम से दो दिन पहले 'कॉइनबेस' ने यूनीफाइड पैमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) को बंद कर दिया था। यह उसके प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो खरीदी का एकमात्र विकल्प था। कॉइनबेस के बाद कॉइनस्विच ने भी अपने ऐप पर यूपीआई और बैंक ट्रांसफर के जरिए जमा होने वाले भारतीय रुपयों से क्रिप्टो करंसी की खरीदी के सारे विकल्प बंद कर दिए हैं। इस तरह अब इस ऐप के वॉलेट में राशि जमाकर क्रिप्टोकरंसी का कोई विकल्प नहीं बचा है। 

इसका बड़ा असर कॉइनस्विच ऐप से होने वाली क्रिप्टो ट्रेडिंग पर पड़ेगा। वर्ष 2021 में इसका 1.40 करोड़ यूजर्स ने इस्तेमाल किया था। कॉइनस्विच ऐप पर क्रिप्टो खरीदी के सभी विकल्प क्यों बंद किए गए हैं, इस बारे में अभी कंपनी ने अधिकृत रूप से कुछ  नहीं कहा है। 

30 फीसदी का भारी भरकम टैक्स

भारत में सक्रिय क्रिप्टो एक्सचेंज पर लंबे समय से सरकार की नजर है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में तो क्रिप्टोकंरसी की खरीद फरोख्त से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी का भारी भरकम टैक्स भी लगाया गया है। यह टैक्स एक अप्रैल से लागू हो गया है। सरकार द्वारा भारी कर लगाने के बाद से ही क्रिप्टो एक्सचेंजों से भुगतान के विकल्प कम किए जा रहे हैं। मोबिकविक ने 1 अप्रैल से ही क्रिप्टो खरीदी के लिए अपने वॉलेट से भुगतान की सुविधा बंद कर दी है। 

विवादों का विषय रहा क्रिप्टो कारोबार

देश में वर्चुअल करंसी के कारोबार की वैधानिक तौर पर इजाजत नहीं है तो इसे अवैधानिक भी नहीं माना गया है। सरकार ने इस पर टैक्स लगाकर अपनी जेब भरने का कदम उठाया, इसे लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। अब कंपनियों ने ऐप के जरिए भारतीय रुपये के माध्यम से होने वाली क्रिप्टो करंसी की खरीद फरोख्त की सुविधा बंद करना शुरू कर दी है। इससे माना जा रहा है कि सरकार या रिजर्व बैंक इस बारे में कोई बड़ा कदम उठा सकती है।