Delhi Air Pollution / हर साल जहरीली हवा से होती हैं 70 लाख मौतें- जान ले लेगा ये प्रदूषण

दिल्ली में मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण छाने लगा है, सबसे खराब हालात सुबह के समय होती है, सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि गुरुग्राम, नोएडा समेत NCR के अन्य इलाके भी गंभीर प्रदूषण की जद में हैं. मंगलवार को भी राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों की एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब रही. SAFAR के मुताबिक दिल्ली के धौला कुआं में सर्वाधिक 303 एक्यूआई दर्ज किया गया. यह इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि हर साल वायु प्रदूषण से असमय मौत

Vikrant Shekhawat : Oct 25, 2023, 06:00 AM
Delhi Air Pollution: दिल्ली में मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण छाने लगा है, सबसे खराब हालात सुबह के समय होती है, सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि गुरुग्राम, नोएडा समेत NCR के अन्य इलाके भी गंभीर प्रदूषण की जद में हैं. मंगलवार को भी राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों की एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब रही. SAFAR के मुताबिक दिल्ली के धौला कुआं में सर्वाधिक 303 एक्यूआई दर्ज किया गया. यह इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि हर साल वायु प्रदूषण से असमय मौत का शिकार होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

देश की राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खराब होती जा रही है, बेशक दो दिन पहले के आंकड़ों में आंशिक सुधार हुआ है, लेकिन फिलहाल जो हालात हैं वे जानलेवा ही हैं. WHO ने एयर क्वालिटी इंडेक्स का जो मानक बताया है, उसके मुताबिक AQI 100 तक होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली में ये 300 का आंकड़ा पार कर रही है तो खतरे का संकेत हैं, माना ये जा रहा है दिवाली से पहले जब ये हालात हैं तो आने वाले दिनों में पराली और पटाखों से हालात और खराब होंगे.

वायु प्रदूषण से हर साल मरते हैं लाखों लोग
WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक आसमान में छा धुंध और धुआं लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा है. इनसे लोग स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, तीव्र और पुरानी सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, इसी का परिणाम है कि हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की अकाल मौत की वजह वायु प्रदूषण है. खास तौर से भारत में इसका सबसे अधिक खतरा है, बोस्टन कॉलेज की ग्लोबल ऑब्जर्वेटरी ऑन पॉल्यूशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में अकेले भारत में ही वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 16 लाख रही, यदि दुनिया के लिहाज से देखा जाए तो कुल मौतों में से 18 प्रतिशत मौतें अकेले भारत में हुईं, इस मामले में दूसरे नंबर पर चीन रहा. इस रिसर्च को लैंसेज प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में भी जगह दी गई थी.

कम हो रही लोगों की औसत उम्र
सिर्फ बोस्टन कॉलेज ही नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की ओर से वायु प्रदूषण पर की गई रिसर्च में सामने आया कि वायु प्रदूषण की वजह से लोगों की औसत उम्र 10 साल कम हो रही है. रिपोर्ट में खास तौर पर दिल्ली के वायु प्रदूषण का जिक्र किया गया है. इसके अलावा हावर्ड की ओर से 2021 में जारी रिसर्च के मुताबिक भारत में असमय हो रही कुल मौतों में से एक तिहाई मौतों की वजह अकेले प्रदूषण है.

पराली से बिगड़ेगी स्थिति
दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब में खेतों में जलाई जाने वाली पराली को माना जाता है, फिलहाल जो प्रदूषण है उसमें पराली का योगदान नहीं है, लेकिन आने वाले वक्त में ये बड़ी समस्या बन सकता है, सीआबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 23 अक्टूबर तक पंजाब में 714 और हरियाणा में सिर्फ 1794 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, जबकि बीतें सालों में इनकी संख्या ज्यादा रही है, यदि पिछले साल की बात की जाए तो पंजाब में 49922 और हरियाणा में 3661 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए थे, 2021 में यह आंकड़ा पंजाब में 71304, हरियाणा में 6987 तथा 2020 में सर्वाधिक पंजाब में 76590 तथा हरियाणा में 4202 रहा था. 2019 में पंजाब में 55210 और हरियाणा में 6334 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए थे.

दिल्ली में प्रदूषण का अहम कारण बायोमास
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग की मानें तो दिल्ली में दिवाली से पहले हो रहे इस प्रदूषण के लिए बायोमास जिम्मेदार है, 21 अक्टूबर को दिल्ली पर छाए प्रदूषण में इसका 21.5 प्रतिशत योगदान था, 24 अक्टूबर तक यह आंकड़ा बढ़कर 32.7 प्रतिशत तक पहुंच गया था. इसके अलावा वाहनों का प्रदूषण, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल भी प्रदूषण का बड़ा कारण है, मौसम विभाग की मानें तो ठंड बढ़ने से वातावरण में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ी है, हवा की गति धीमी ही इसीलिए धुंध छा रही है. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी.

दिल्ली सरकार ने बनाया एक्शन प्लान
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से लड़ने के लिए GRAP स्टेज II लागू कर दिया है, इसके तहत शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जा रहा है, मेट्रो के बीच अंतराल कम करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जहां अभी तक 7 से 8 मिनट अंतर रहता था, वहां अब तक 5 से 6 मिनट में मेट्रो मिलेगी, वहीं जहां ये अंतर से 5 से 6 मिनट था, वहां से 2 से 3 मिनट कर दिया गया है, इसके अलावा निजी बसों को भी किराए पर लिया जा रहा है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सोमवार को इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे. उन्होंने बताया था कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के द्वितीय चरण के तहत जिन इलाकों में AQI ज्यादा अधिक था वहां विशेष टीमें लगाई गई हैं और प्रदूषण को दबाने के लिए पानी के साथ केमिकल का भी छिड़काव किया जा रहा है.