Vikrant Shekhawat : Sep 06, 2019, 04:31 PM
भारत कल एक नया इतिहास रचने जा रहा है, जिसका देश से लेकर पूरी दुनिया बेसब्री से इंतजार कर रही है। दरअसल, चंद्रयान-2 का लैंडर 'विक्रम' शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने जा रहा है। इधर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अघ्यक्ष के. सिवन का कहना है कि सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है।खबरों के अनुसार, सिवन ने कहा है कि हम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है। वहीं, मिशन से जुड़े इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि निश्चित रूप से पूरी (चंद्रयान -2) टीम के मन में बहुत चिंता है क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल ऑपरेशन है और हम इसे पहली बार कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि सेंसर, कंप्यूटर, कमांड सिस्टम को पूरी तरह से काम करना है, हम इस अर्थ में आश्वस्त हैं कि हमने जमीन पर बड़ी संख्या में सिमुलेशन किया हैं, ये हमें आत्मविश्वास दिलाता है कि यह ठीक होगा। इसरो ने कहा है कि 'चंद्रयान-2' अपने लैंडर को 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में दो गड्ढों- 'मैंजिनस सी' और 'सिंपेलियस एन' के बीच ऊंचे मैदानी इलाके में उतारने का प्रयास करेगा। 'विक्रम' की सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' भारत को रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगी। इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का प्रथम देश बन जाएगा। लैंडर शनिवार रात एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा।