Vikrant Shekhawat : Sep 17, 2024, 07:40 PM
Delhi New CM Atishi: दिल्ली की राजनीति में एक नई धारा बह रही है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री नियुक्त किया है, जो पंजाबी राजपूत समुदाय से आती हैं। इस नियुक्ति के साथ ही आतिशी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचने वाली पहली सदस्य हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दिल्ली की राजनीति में अब तक किस-किस जाति का दबदबा रहा है? आइए जानें दिल्ली के सभी 8 मुख्यमंत्रियों की जाति और उनकी सत्ता में आने की कहानी।आतिशी की जाति और राजनीति में प्रवेशआतिशी का जन्म पंजाबी राजपूत परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता वामपंथी विचारधारा के समर्थक थे, इसलिए आतिशी ने प्रारंभिक जीवन में जाति व्यवस्था को महत्व नहीं दिया। उन्होंने अपने नाम में "मार्लेना" सरनेम जोड़ा था, जो काल मार्क्स और लेनिन के गठजोड़ को दर्शाता था। हालांकि, राजनीति में प्रवेश के बाद आतिशी ने अपना सरनेम हटा दिया और 2020 में कालकाजी विधानसभा से विधायक बनीं। वे आम आदमी पार्टी की शीर्ष नीतिगत बॉडी, पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की सदस्य भी हैं।दिल्ली की गद्दी पर जातियों का दबदबाचौधरी ब्रह्म प्रकाश (1952-1955)जाति: अहीर (यादव)कहानी: दिल्ली विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और चौधरी ब्रह्म प्रकाश को मुख्यमंत्री बनाया। वे हरियाणा के रेवाड़ी के मूल निवासी थे और पलायन करके दिल्ली आ बसे थे।गुरुमुख निहाल सिंह (1955-1956)जाति: सिखकहानी: ब्रह्म प्रकाश के बाद गुरुमुख निहाल सिंह को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया। वे दिल्ली के अंतिम मुख्यमंत्री थे जब तक दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित नहीं कर दिया गया।मदन लाल खुराना (1993-1996)जाति: पंजाबी खत्रीकहानी: 1993 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद, बीजेपी ने मदन लाल खुराना को मुख्यमंत्री बनाया। वे दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री थे और बाद में केंद्र की राजनीति में सक्रिय हुए।साहिब सिंह वर्मा (1996-1998)जाति: जाटकहानी: हवाला कांड के बाद, साहिब सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री पद संभाला। वे लगभग 2 साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में श्रम मंत्री बने।सुषमा स्वराज (1998)जाति: पंजाबी ब्राह्मणकहानी: बीजेपी ने साहिब सिंह वर्मा की जगह सुषमा स्वराज को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया। वे पंजाबी ब्राह्मण समुदाय से आती हैं और केवल 58 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहीं।शीला दीक्षित (1998-2013)जाति: उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणकहानी: कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली की मुख्यमंत्री नियुक्त किया। वे सबसे लंबे समय तक (15 साल) दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं और उनके पति कांग्रेस के कद्दावर नेता उमा शंकर दीक्षित थे।अरविंद केजरीवाल (2013-2024)जाति: वैश्यकहानी: 2013 में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित की सल्तनत को खत्म किया और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। वे तीन बार लगातार मुख्यमंत्री रहे और वैश्य समुदाय से आते हैं। वे आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं।निष्कर्षदिल्ली की राजनीति में विभिन्न जातियों का प्रभाव रहा है और अब आतिशी इस परंपरा को एक नया आयाम देने जा रही हैं। पंजाबी राजपूत समुदाय से आने वाली आतिशी का मुख्यमंत्री पद पर आना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि दिल्ली की राजनीतिक विविधता का भी प्रतीक है। दिल्ली की राजनीति में जातियों का प्रभाव और उनकी बदलती तस्वीर दर्शाती है कि राजनीति में जातीय विविधता और नेतृत्व की नई धारा किस दिशा में जा रही है।