जयपुर / वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर हुई गहलोत सरकार, जल्द बनेगा राज्य में चौथा टाइगर रिजर्व

सूबे की गहलोत सरकार वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर नज़र आ रही है। रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा हिल्स के बाद अब एक और नेशनल पार्क बनाने जा रही है। जल्द ही प्रदेश में अब चौथा टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आ जाएगा। साथ ही टाइगर रिजर्व से गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए तीनों टाइगर रिजर्व और शेष वन क्षेत्र में इसकी कार्रवाई कब और कितने समय में होगी, इसकी जानकारी दी जाए।

Vikrant Shekhawat : Nov 26, 2019, 01:17 PM
जयपुर: हाल ही में हुई टाइगर फाउंडेशन की बैठक में वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व के समस्त कार्यों की समीक्षा की ओर आने वाले वर्ष की कार्य योजना पर चर्चा की।

बैठक की शुरुआत में विश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार  जल्द ही प्रदेश में अब चौथा टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आयेगा। साथ ही टाइगर रिजर्व से गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वन और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जूली फ्लोरा से हटाया जाए। इसके लिए तीनों टाइगर रिजर्व और शेष वन क्षेत्र में इसकी कार्रवाई कब और कितने समय में होगी, इसकी जानकारी दी जाए।

इस पर सीसीएफ ने कार्य योजना का प्रजेंटेशन दिया। वन क्षेत्र की सड़कों को दुरुस्त करने, पर्यटन बढ़ाने और आय के साधन बढ़ाने पर भी तीनों रिजर्व के अधिकारियों से योजना मांगी गई। इस दौरान प्रदेश के कुंभलगढ़ में चौथा टाइग रिजर्व बनाने और वहां बाघों को शिफ्ट करने की योजना पर भी चर्चा की गई।

चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने बताया कि एनटीसीए की अनुमति मिलने के बाद रणथंभौर से कुछ बाघ कुंभलगढ़, रामगढ़ विषधारी और सरिस्का शिफ्ट किए जाएंगे। मध्यप्रदेश से बाघों का आदान प्रदान और सरिस्का बाघ पुनर्वास योजना में तेजी लापने को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान तीनों टाइगर रिजर्व से गांवों को विस्थापित करने पर चर्चा की गई। वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि जल्द ही विस्थापन कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। वन क्षेत्र से सटी वैटलैंड और सांभर त्रासदी पर भी मंत्री ने अधिकारियों से अनौपचारिक चर्चा की।

पर्यटन सुविधाओं में है कमी

दरअसल इस समय पर्यटन सीजन परवान पर है और रणथंभौर, सरिस्का और मुकदंरा में पर्यटन सुविधाओं में कमी है। इसके लिए तीनों टाइगर रिजर्व के सीसीएफ ने प्रस्ताव रखा कि जल्द ही नए गाइड की भर्ती की जाए और इडीएफ के चुनाव भी करवाए जाएं। इस पर मंत्री ने सहमति दी और कहा कि जल्द ही प्रस्ताव सरकार को भेजकर इसके लिए अनुमति ली जाएगी। मंत्री ने तीनों सीसीएफ और डीएफओ से भी अपने अपने रिजर्व से संबंधी सुझाव मांगे और राजस्व, वन विकास, वन्यजीव संरक्षण और पौधारोपण की रिपोर्ट भी मांगी। बाघों के आपसी संघर्ष, रिजर्व क्षेत्र से बाहर निकलने, शिकार और अन्य मामलों को लेकर भी वन टू वन संवाद किया। 

इस दौरान अधिकारियों को कहा गया कि वन्य जीव संरक्षण में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए अधिकारी डे टू डे मॉनिटरिंग रिपोर्ट देखें और उसे कंपाइल कर हर सप्ताह अरण्य भवन भेजें। हाइटेक सुविधा और रेडियो कॉलर खरीद पर भी चर्चा की। बैठक में यह भी संकेत दिए कि जल्द ही मानद वन्यजीव प्रतिपालों की नियुक्ति, स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड का भी गठन होगा।