Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2023, 07:30 PM
Adani Enterprises: गौतम अडानी की कंपनियों के तिमाही नतीजे आने शुरू हो गए हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के 9 महीने के बाद अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के मुनाफे में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. इस मुनाफे को तिमाही दर तिमाही देखें तो लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. मार्च तिमाही के बाद से कंपनी के मुनाफे में 68 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है.मतलब साफ है कि हिंडनबर्ग और उसके बाद होने वाली जांच की वजह से कंपनी के मुनाफे और इनकम दोनों में असर पड़ना शुरू हो गया है. वैसे अडानी पॉवर के मुनाफे में पिछले साल की समान तिमाही में 9 गुना का इजाफा देखने को मिला है. आइए आपको भी बताते हैं कि बीती तिमाही और मौजूदा साल की तिमाहियों में कितना असर देखने को मिला है.51 फीसदी कम हो गया प्रॉफिटअडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के तिमाही नतीजे आए हैं. ऐसे तिमाही नतीजे अडानी एंटरप्राइजेज के शायद ही देखने को मिले होंगे. इस दूसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 51 फीसदी कम देखने को मिला है. इस बार कंपनी का नेट प्रॉफिट 227.82 करोड़ रहा. अगर बात रेवेन्यू की करें तो 41 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और 22517.30 करोड़ रुपए रहा है. अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि तिमाही के दौरान, ग्रुप की सहायक कंपनियों में से एक, मुंद्रा सोलर पीवी लिमिटेड द्वारा सेल के लिए रखी गई संपत्तियों की रियल वैल्यू में कमी के कारण कंपनी को 88 करोड़ रुपए का एकमुश्त नुकसान हुआ.2023 कैसा रहा मुनाफे का हालवैसे बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के बाद से अब तक कंपनी के प्रॉफिट में लगातार गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार अडानी एंटरप्राइजेज को चौथी तिमाही में 722.48 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था. जिसके बाद जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा घट 674 करोड़ रुपए रह गया. इसका मतलब है कि कंपनी को मुनाफा में बीती तिमाही के मुकाबले करीब 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. उसके बाद अब दूसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा और ज्यादा कम हो गया है. पहली तिमाही के मुकाबले 66 फीसदी से ज्यादा कम हो गया है. मार्च तिमाही के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 68 फीसदी कम हो चुका है.जनवरी के आखिरी हफ्ते में आई थी रिपोर्टगौतम अडानी और अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जनवरी के आखिरी हफ्ते में आया था. तब ग्रुप कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. उस समय ग्रुप के मार्केट कैप 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी. हिंडनबर्ग ने अकाउंट फ्राड औरद शेयरों में हेराफेरी के आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग के आरोपों को गौतम अडानी ने नकार दिया था. उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था. जहां पर सेबी को जांच के आदेश दिए थे. सेबी अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप चुकी है.