News18 : Jun 21, 2020, 08:28 AM
नई दिल्ली। कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, लेबर्स और प्रवासी मजदूर जैसे असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार रेंटल हाउसिंग स्कीम (Rental Housing Scheme) को बहुत जल्द पेश कर सकती है। इस स्कीम का लाभ स्टूडेंट्स भी ले सकेंगे। केंद्र सरकार द्वारा फंड की जाने वाली इस किफायती रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत एक से तीन हजार रुपये प्रति महीने के किराए पर विभिन्न कैटेगरी के लिए घर मुहैया कराया जाएगा। हाउसिंग मिनिस्ट्री (Ministry of Housing and Urban Affairs) ने इस स्कीम के लिए शुरुआती अनुमान 700 करोड़ रुपये का लगाया है।वित्त मंत्री ने इस स्कीम का ऐलान किया थामोदी सरकार जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (JNNURM ) और राजीव आवास योजना (RAY) के तहत खाली पड़े 1 लाख हाउसिंग यूनिट्स को इस स्कीम के तहत इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। न्यूज वेबसाइट द प्रिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस किफायती रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत ऐसी योजना लाई गई थी, जिसे मोदी सरकार अब प्रवासी मजदूरों के लिए मुहैया कराना चाहती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 मई को ही इस स्कीम के बारे में ऐलान किया था।अभी तय नहीं है कैटेगरी के आधार पर किरायाद प्रिंट ने इससे जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि तैयार मसौदे के तहत मंत्रालय विभिन्न कैटेगरी के लिए किराया 1,000 रुपये से लेकर 3,000 रुपये प्रति महीने के बीच रखेगा। इसमें कंस्ट्रक्शन वर्कस, लेबर व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोग शामिल होंगे। छात्रों को भी इस स्कीम के तहत कम दर पर रहने के लिए घर मुहैया कराया जाएगा। हालांकि, पिछले सप्ताह पब्लिश किए गए इस रिपोर्ट में मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से यह भी कहा गया कि इन कैटेगरी के लिए योग्यत पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इस स्कीम के तहत कंपनियों को जमीन पर मिलेंगे इंसेटिव्सशनिवार को CNBC आवाज़ ने भी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि रेंटल हाउसिंग स्कीम के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है। इस कैबिनेट नोट को हाउसिंग मिनिस्ट्री ने मंजूरी दे दी है और अब इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इस स्कीम के तहत कंपनियों को अपनी जमीन पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए इंसेंटिव्स मिलेगा।
अलग-अलग शहरों में 75 हजार यूनिट बनाने का प्रस्तावCNBC आवाज़ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रेंट हाउसिंग स्कीम के तहत PPP मॉडल पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। एक सूत्र ने बताया कि VGF यानी वायबलीटी गैप फंडिंग के तहत भी प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास यानी PMAY Urban योजना के तहत फंड मुहैया कराया जा सकता है। पहले चरण में अलग अलग शहरों में करीब 75000 यूनिट बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस स्कीम के तहत कंपनियों को अपनी जमीन पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए इंसेंटिव्स मिलेगा।
इस स्कीम के तहत कंपनियों को जमीन पर मिलेंगे इंसेटिव्सशनिवार को CNBC आवाज़ ने भी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि रेंटल हाउसिंग स्कीम के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है। इस कैबिनेट नोट को हाउसिंग मिनिस्ट्री ने मंजूरी दे दी है और अब इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इस स्कीम के तहत कंपनियों को अपनी जमीन पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए इंसेंटिव्स मिलेगा।
अलग-अलग शहरों में 75 हजार यूनिट बनाने का प्रस्तावCNBC आवाज़ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रेंट हाउसिंग स्कीम के तहत PPP मॉडल पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। एक सूत्र ने बताया कि VGF यानी वायबलीटी गैप फंडिंग के तहत भी प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास यानी PMAY Urban योजना के तहत फंड मुहैया कराया जा सकता है। पहले चरण में अलग अलग शहरों में करीब 75000 यूनिट बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस स्कीम के तहत कंपनियों को अपनी जमीन पर रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए इंसेंटिव्स मिलेगा।