देश / सिंधिया ने कमलनाथ पर साधा निशाना- मैंने राजनीति का नहीं, जनसेवा का रास्ता चुना है, पद की लालसा नहीं

मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनेताओं द्वारा एक-दूसरे को घेरने का दौर जारी है। कमलनाथ द्वारा इमरती देवी को 'आइटम' कहे जाने का मुद्दा अभी तक ठंडा नहीं हुआ है। वहीं, भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार केवल पैसे को आधार बनाकर काम कर रही थी।

Vikrant Shekhawat : Oct 28, 2020, 02:58 PM
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनेताओं द्वारा एक-दूसरे को घेरने का दौर जारी है। कमलनाथ द्वारा इमरती देवी को 'आइटम' कहे जाने का मुद्दा अभी तक ठंडा नहीं हुआ है। वहीं, भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार केवल पैसे को आधार बनाकर काम कर रही थी। सिंधिया ने कहा कि मैंने राजनीति का नहीं, जनसेवा का रास्ता चुना है। मुझे पद की लालसा नहीं है, बल्कि मैं विकास के लिए काम करना चाहता हूं।

राज्यसभा सांसद सिंधिया ने कहा, वह भ्रष्टाचार की एक सरकार (कमलनाथ की सरकार) थी, जो केवल पैसे के आधार पर काम कर रही थी। उन्होंने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। इस बारे में मुझसे मत पूछिए, आप मध्यप्रदेश के लोगों से पूछ सकते हैं। जनता से किए गए वादों की पूरी अवहेलना की गई। 

कमलनाथ के 'आइटम' वाले बयान पर सिंधिया ने कहा, इमरती देवी को 'आइटम' कहने के बाद बचाव में कमलनाथ ने कहा कि वह उनका (इमरती देवी) नाम भूल गए हैं। जो आपके मंत्रिमंडल में था, उसका नाम आप कैसे भूल सकते हैं? क्योंकि वह एक महिला हैं, दलित हैं? क्या यही उनकी और कांग्रेस की महिलाओं के बारे में सोच है? वह अहंकार से भरे हुए हैं और लोग इसे तोड़ देंगे। 

पद को लेकर किए गए सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, मेरी विचार प्रक्रिया स्पष्ट है, मैंने राजनीति का नहीं, सार्वजनिक सेवा का रास्ता चुना है। 20 साल हो गए हैं और मैं लोगों की सेवा करने के लिए दृढ़ हूं। मैं किसी भी पद के लिए इच्छुक नहीं हूं, केवल विकास के लिए काम करना चाहता हूं। 

सिंधिया ने कहा, कांग्रेस आरोप लगा रही है क्योंकि उन्होंने सत्ता खो दी है। वे मध्यप्रदेश की जनता से प्यार नहीं करते और केवल सत्ता की बात करते हैं। कमलनाथ अब प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, लेकिन सीएम के रूप में उन्होंने एक भी जिले का दौरा नहीं किया। उस समय पैसा ही उनकी एकमात्र चिंता थी, अब वे सत्ता के लिए वोट चाहते हैं।   

उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता है कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कहीं भी ऐसी सरकार रही हो और वो भी 15 साल विपक्ष के तौर पर रहने का बाद, जहां सरकार बनने के बाद उसकी पार्टी के 22 विधायक उसका नेतृत्व छोड़ दें।