Vikrant Shekhawat : Apr 07, 2023, 10:12 AM
Jyotiraditya Scindia: पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, इन दोनों नेताओं के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने जमकर जहर उगला है. वो लगातार राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं. वो सीधे उन पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं. राजनीति के बारे में समझ रखने वालों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से ऐसा करने के लिए कहा गया है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी मंच पर एक्टिव करने की रणनीति है.दरअसल, इस वर्ष के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस चुनावी घमासान में सीधी लड़ाई ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच माना जा रहा है. कांग्रेस में रहते हुए भी दोनों नेताओं के बीच तनातनी देखी जा चुकी है. कहा ये भी जाता है कि दिग्विजय सिंह की वजह से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से खुद को अलग किया था और भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे को आगे रखने की कोशिश करेगी और कांग्रेस के खिलाफ सिंधिया की बयानबाजी चुनाव तक लगातार जारी रह सकते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश में बीजेपी पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर आगे कर सकती है. सिंधिया मुखर हैं और बिना लाग-लपेट के अपनी बातों को रखने के लिए जाने जाते हैं. लोगों के बीच उतरकर उनकी समस्याओं का जानना और उनके बीच खुद को दिखाने की क्षमता उन्हें और मजबूत बनाती है. ऐसे में इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि पूरा चुनाव सिंधिया के ईर्द-गिर्द करवाया जाए और जीत मिलने पर उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बना दिया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर लिया जाए.राहुल गांधी को लेकर क्या कहा?सिंधिया ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया, ‘कांग्रेस के पास कोई विचारधारा नहीं बची है. इस कांग्रेस के पास अब केवल एक विचारधारा बची है जो देशद्रोही की है, एक विचारधारा जो देश के खिलाफ काम करती है.उन्होंने मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पार्टी द्वारा राहुल गांधी को खास तरह की सुविधा देने को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पर न्याय व्यवस्था पर दबाव डालने और वर्तमान के चुनौतीपूर्ण स्थिति में प्रासंगिक बने रहने के लिए हर संभव प्रयास करने का आरोप लगाया.जयराम रमेश से भिड़े ज्योतिरादित्यवरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ट्विटर पर वाकयुद्ध देखने को मिला. जयराम रमेश ने ऐतिहासिक संदर्भों के हवाले से कहा कि सिंधिया राजघराने ने झांसी की रानी के साथ धोखा किया था. इस पर सिंधिया ने पलटवार किया और कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ मराठे-सिंधिया, पेशवा और झांसी के नेवालकर एक साथ लड़े थे. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को ‘विभाजनकारी राजनीति’ नहीं करनी चाहिए.खास बात ये है कि जयराम रमेश ने खुद को सही साबित करने के लिए विनायक दामोदर सावरकर की किताब का हवाला दिया तो वहीं सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की किताब का हवाला दिया. रमेश ने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता के अंश को ट्वीट किया, ‘अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.’इस पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘कविताएं कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें. जवाहरलाल नेहरू की किताब, ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री में कहा गया है: इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता. मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे. लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई.’इसके बाद रमेश ने एक और ट्वीट किया, ‘आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब '1857 का स्वातंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है. इतिहास आप पढ़िये.’इस पर सिंधिया ने कहा, ‘कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की लिखी किताब ‘ऑपरेशन रेड लोटस’ पढ़िए. पता चल जाएगा कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई से लेकर आज तक मराठा एक हैं.’