Vikrant Shekhawat : Jan 16, 2024, 05:53 PM
Rajasthan Vidhan Sabha: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जनता ने विधायकों को बहुत उम्मीद के साथ चुनकर भेजा है, विधायक जनता के भरोसे पर खरा उतरें। विधायक और सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित हो रहे हैं। विधायकों को पूरे राज्य के मुद्दों और समस्याओं को उठाना चाहिए। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन राज्य हित के मुद्दे जरूर उठाने चाहिए। विधायक अपने क्षेत्र में इनोवेशन करें और सदन में उन इनोवेशन पर भी चर्चा हो। बिरला मंगलवार को विधानसभा में विधायकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम में बोल रहे थे।बिरला ने कहा- हमारे कई महान नेताओं ने इस विधानसभा की परंपराओं को बनाए रखा। मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी, भैरोंसिंह शेखावत सहित कई नेताओं ने समृद्ध परंपराओं को बरकरार रखा। समय-समय पर यहां पर नए इनोवेशन करके और विधानसभा की गौरवशाली परंपराओं को आगे बढ़ाने का काम किया।राजस्थान में राजाओं के वक्त भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते थे
लोकसभा स्पीकर ने कहा- राजस्थान के इतिहास को जब हम देखते हैं तो हम पाते हैं कि राजाओं के राज के वक्त भी राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं हुआ करती थीं। उस समय भी वहां निर्वाचित प्रतिनिधि होते थे, जो राज्य के कल्याण के लिए काम करते थे, सुझाव देते थे। राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रणाली कार्यशैली का हिस्सा रही है।नेता बनना चाहते हैं तो बिलों पर तैयारी से बहस करें,बिरला ने कहा- अगर नेता बनना है तो विधानसभा में पास होने वाले बिलों पर लगातार बहस में भाग लें। सदन में लगातार बैठें। अगर आपने बिलों पर प्रभावी तरीके से बहस कर ली तो नेता बन जाएंगे। हमने देखा है यहां कई दिग्गज नेता पूरे समय सदन में बैठते थे। भैरोंसिंह शेखावत, मोहनलाल सुखाड़िया से लेकर राजेंद्र राठौड़ से गुलाबचंद कटारिया जैसे नेता पूरे समय सदन में बैठते थे। कानून बनाते समय आप तर्क से बात करेंगे, तैयारी के साथ आएंगे तो सार्थक बहस हो पाएगी।अगर विधायक तैयारी के साथ आएंगे तो इसमें राज्य का ही भला होगा।उपराष्ट्रपति बोले- सोशल मीडिया पर कंट्रोल हो, किसी का भी चरित्र हनन कर देते हैंविधायकों की ट्रेनिंग वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक अखाड़े में देवनानी ने अजमेर में मेरा खूब विरोध किया है, लेकिन हमारे संबंध बरकरार हैं। दायरे में रहकर कटाक्ष करना कोई देवनानी से सीखे।धनखड़ ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को जिस तरीके से सौभाग्य मिला है, उससे संकेत मिलता है कि भारत बदल गया है और अब सब कुछ मुमकिन है। कम समय में भजनलाल शर्मा ने लोकप्रियता हासिल की है, कम समय में मिली लोकप्रियता को बढ़ाना और बचाना चुनौती है। विधायकों के ट्रेनिंग कार्यक्रम में सभी विधायकों को बुलाया गया है। सुबह से लेकर शाम तक विधायकों को अलग-अलग सत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी।उद्घाटन सत्र के बाद विधानसभा की प्रक्रिया, कार्य संचालन नियमों और सदन में आचरण को लेकर लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने संबोधित किया।। इसके बाद प्रश्नकाल और शून्यकाल में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी दी। विधानसभा की समितियों पर पूर्व स्पीकर सीपी जोशी का सत्र रखा।
लोकसभा स्पीकर ने कहा- राजस्थान के इतिहास को जब हम देखते हैं तो हम पाते हैं कि राजाओं के राज के वक्त भी राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं हुआ करती थीं। उस समय भी वहां निर्वाचित प्रतिनिधि होते थे, जो राज्य के कल्याण के लिए काम करते थे, सुझाव देते थे। राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रणाली कार्यशैली का हिस्सा रही है।नेता बनना चाहते हैं तो बिलों पर तैयारी से बहस करें,बिरला ने कहा- अगर नेता बनना है तो विधानसभा में पास होने वाले बिलों पर लगातार बहस में भाग लें। सदन में लगातार बैठें। अगर आपने बिलों पर प्रभावी तरीके से बहस कर ली तो नेता बन जाएंगे। हमने देखा है यहां कई दिग्गज नेता पूरे समय सदन में बैठते थे। भैरोंसिंह शेखावत, मोहनलाल सुखाड़िया से लेकर राजेंद्र राठौड़ से गुलाबचंद कटारिया जैसे नेता पूरे समय सदन में बैठते थे। कानून बनाते समय आप तर्क से बात करेंगे, तैयारी के साथ आएंगे तो सार्थक बहस हो पाएगी।अगर विधायक तैयारी के साथ आएंगे तो इसमें राज्य का ही भला होगा।उपराष्ट्रपति बोले- सोशल मीडिया पर कंट्रोल हो, किसी का भी चरित्र हनन कर देते हैंविधायकों की ट्रेनिंग वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक अखाड़े में देवनानी ने अजमेर में मेरा खूब विरोध किया है, लेकिन हमारे संबंध बरकरार हैं। दायरे में रहकर कटाक्ष करना कोई देवनानी से सीखे।धनखड़ ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को जिस तरीके से सौभाग्य मिला है, उससे संकेत मिलता है कि भारत बदल गया है और अब सब कुछ मुमकिन है। कम समय में भजनलाल शर्मा ने लोकप्रियता हासिल की है, कम समय में मिली लोकप्रियता को बढ़ाना और बचाना चुनौती है। विधायकों के ट्रेनिंग कार्यक्रम में सभी विधायकों को बुलाया गया है। सुबह से लेकर शाम तक विधायकों को अलग-अलग सत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी।उद्घाटन सत्र के बाद विधानसभा की प्रक्रिया, कार्य संचालन नियमों और सदन में आचरण को लेकर लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने संबोधित किया।। इसके बाद प्रश्नकाल और शून्यकाल में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी दी। विधानसभा की समितियों पर पूर्व स्पीकर सीपी जोशी का सत्र रखा।