राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के करीबी तीन विधायकों ने मंगलवार को कहा कि उनकी लड़ाई आत्म सम्मान के लिए है और वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की ‘तानाशाहीपूर्ण’ कार्यशैली के खिलाफ लड़ेंगे. आपको बता दें कि पायलट गुट के बगावती तेवरों के बाद से राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट बना हुआ है. जबकि राज्य का सियासी संकट राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) से आगे निलकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
विधायक हेमाराम चौधरी ने कही ये बात
कई बार के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और हमारी लड़ाई पार्टी के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कहा है कि उनकी सचिन पायलट के साथ बातचीत नहीं होती थी, ऐसे में सभी लोग देख सकते हैं वह किस तरह की सरकार चला रहे हैं.'
बहरहाल, पायलट के समर्थक विधायकों ने ये टिप्पणियां उस वक्त की हैं जब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को जैसलमेर में कहा कि राजस्थान के बागी कांग्रेस विधायकों को वापसी के लिए बातचीत से पहले भाजपा से दोस्ती तोड़नी होगी और उसकी मेजबानी छोड़कर घर लौटना होगा.
विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने की सचिन की तारीफ
सचिन पायलट के साथ बागी रुख अपना चुके विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पायलट ने पंचायत से लेकर जिला स्तर तक मेहनत की, लेकिन उन्हें ही सरकार में अलग-थलग करने का प्रयास होता रहा जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए. जबकि पायलट गुट के एक अन्य विधायक इंद्राज सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे उठाने नहीं दिया.
गौरतलब है कि पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों के बागी रुख अपनाने के कारण राजस्थान में पिछले कुछ हफ्तों से राजनीतिक उठापठक चल रही है. कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उ मुख्यमंत्री पदों से हटा दिया था.