मोक्ष कलश / लॉकडाउन में मुक्ति के इंतजार में अटके रहे मोक्ष कलश, सवा ग्यारह हजार पहुंचे हरिद्वार, राजस्थान सरकार ने की यह व्यवस्था

राजस्थान में कोरोना संकट शुरू होने के बाद आए लॉकडाउन में कई आत्माएं अपने मोक्ष का इंतजार ही करती रहीं। उनका इंतजार तब पूरा हुआ, जब राजस्थान सरकार की मोक्ष कलश योजना में 284 मोक्ष कलश स्पेशल बसों के माध्यम से 11 हजार 394 यात्रियों को अपने परिजनों के अस्थि कलश विसर्जन के लिए हरिद्वार भेजा गया। परिजन अब विधिपूर्वक अपनों के मोक्ष कलश ले जा पा रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2020, 10:53 PM
जयपुर  | राजस्थान में कोरोना संकट (Rajasthan Corona Crisis) शुरू होने के बाद आए लॉकडाउन (Lockdown) में कई आत्माएं अपने मोक्ष का इंतजार ही करती रहीं। उनका इंतजार तब पूरा हुआ, जब राजस्थान सरकार की मोक्ष कलश योजना (Rajasthan Moksh Kalash Yojana) में 284 मोक्ष कलश स्पेशल बसों (Moksh Kalash Special Buses to Haridwar) के माध्यम से 11 हजार 394 यात्रियों को अपने परिजनों के अस्थि कलश विसर्जन के लिए हरिद्वार भेजा गया। परिजन अब विधिपूर्वक अपनों के मोक्ष कलश ले जा पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह जानकारी सामने आई कि राज्य में अब तक 284 मोक्ष कलश स्पेशल बसों के माध्यम से 11 हजार 394 यात्रियों को अपने परिजनों के अस्थि कलश विसर्जन के लिए हरिद्वार भेजा गया है। बैठक में बताया गया कि अजमेर से ईंट भट्टों में काम करने वाले मजदूरों को लेकर एक श्रमिक स्पेशल टे्रन शुक्रवार को छत्तीसगढ़ रवाना होगी तथा बैंगलुरू से एक अन्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन राजस्थान पहुंची है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या चिन्ता का विषय है। विशेषज्ञ चिकित्सकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस स्थिति की गंभीरता का आकलन करते हुए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आम लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए हेल्थ प्रोटोकॉल की अनुपालना सख्ती से की जाए।

मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि संक्रमण को नियंत्रित रखने के लिए कोरोना के लिए टेस्टिंग, संक्रमित लोगों के इलाज तथा विदेश से आ रहे यात्रियों के लिए संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्थाओं को और पुख्ता करने के प्रयास करें। साथ ही, बड़ी संख्या में आम लोगों को कोरोना जागरूकता अभियान से जोड़कर उन्हें अपने स्वास्थ्य का खुद खयाल रखने के लिए प्रेरित करें। 

मुख्यमंत्री को बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में अब तक 16085 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। बीते कुछ दिनों में धौलपुर और भरतपुर जिलों में पॉजिटिव केसों की संख्या अधिक रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम ने धौलपुर जिले में संक्रमण की स्थिति का आकलन भी किया है। बताया गया कि बीते कुछ सप्ताहों के दौरान कुवैत, यूएई, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान आदि देशों से लौटे मजदूरों और मेडिकल के विद्यार्थियों के कारण प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। इन सभी यात्रियों की टेस्टिंग की गई है। अब तक आरटीपीसीआर से की गई टेस्टिंग में 3357 यात्रियों में से 156 को पॉजिटिव पाया गया है। आगामी दिनों में खाड़ी देशों से आने वाले यात्रियों के लिए उदयपुर और बांसवाड़ा में संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था की गई है। 

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सिद्धार्थ महाजन, जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।