देश / शीत सत्र में 26 बिलों को मिलेगी मंजूरी, क्रिप्टोकरेंसी पर कानून की तैयारी

तीनों कृषि कानून को निरस्त करने वाले विधेयक से लेकर क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल शामिल है। लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल 2021 का मकसद आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना है।

Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2021, 07:16 AM
नई दिल्ली | मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें तीनों कृषि कानून को निरस्त करने वाले विधेयक से लेकर क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल शामिल है। लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल 2021 का मकसद आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना है। विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी किया गया है। 

हालांकि, इसमें कुछ छूट की बात भी कही गई है, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। शीत सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार इसलिए नियम बनाना चाहती है ताकि निवेशकों को उचित माहौल मिल सके और वे किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों को आगाह करते हुए कहा था कि यदि कुछ भी अनहोनी होती है तो वे खुद जिम्मेदार होंगे। हालांकि इसके बाद भी लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने बिल लाने का फैसला लिया है।

नए कृषि कानूनों की वापसी का बिल भी सूचीबद्ध, आज कैबिनेट से आएगा

तीनों कृषि कानून को वापस लेने से संबंधित विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसे ‘द फार्म लॉ रिपील बिल 2021’ नाम से सूचीबद्ध किया गया है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण वसंरक्षण) कीमत आश्वासन तथा कृषि सेवा करार कानून व आवश्यक वस्तु संशोधन कानून लागू किया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने तीनों कानून वापस लेने की घोषणा की है। इस बिल को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट में पेश किया जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद संसद में आएगा।